वीडियो कांफ्रेंस से हो संसदीय समितियों की बैठक, कनाडा का दिया उदाहरण, कांग्रेस नेता शशि थरूर बोले
By भाषा | Published: May 18, 2020 06:45 PM2020-05-18T18:45:40+5:302020-05-18T18:48:06+5:30
कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि वीडियो कांफ्रेंस से संसदीय समिति की बैठक हो। केरल से सांसद ने कहा कि कनाडा की संसद आभासी रूप से बैठक करती है। भारत में भी यह नियम लागू होनी चाहिए।
नई दिल्लीः वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संसदीय समिति की बैठक की इजाजत देने की पैरवी कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि कनाडा की संसद की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठकें हो रही हैं जबकि भारतीय संसद इसके जरिये समिति की बैठकों की भी मंजूरी नहीं दे रही।
सूचना प्रौद्योगिकी विषय पर संसदीय समिति के अध्यक्ष थरूर ने इस माह के प्रारंभ में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने संसदीय समितियों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठकों की इजाजत देने की मांग दोहरायी थी। कनाडा का उदाहरण देते थरूर ने ट्वीट किया,‘‘ कनाडा की संसद आभासी रूप से बैठक करती है लेकिन भारत की संसद छोटी संख्या वाली संसदीय समितियों की बैठकों की भी इजाजत नहीं देती है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘ चूंकि गोपनीयता संभवत: समितियों का मुद्दा है, तो फिर संसद की बैठक क्यों बुलायी जाती है, जिसकी कार्यवाही टेलीविजन पर प्रसारित की जाती है।’’ कोरोना वायरस महामारी के दौरान कनाडा की संसद तकनीक (वीडियो कांफ्रेंस) की मदद से चल रही है।
हर मंगलवार और बृहस्पतिवार को 338 कनाडाई सांसद प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों से प्रश्न पूछने के लिए अपने घर से जूम एप पर लॉग इन हो जाते हैं। बिरला को लिखे पत्र में थरूर ने कहा था कि अपने निर्वाचन क्षेत्रों के माध्यम से सांसदों की राष्ट्र के प्रति एक जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि यथाक्षमता अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
नायडू और बिरला ने संसदीय समितियों की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के जरिये कराने की संभावना पर चर्चा की
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर संसदीय समितियों की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कराने की संभावना पर सोमवार को चर्चा की। नायडू और बिरला ने चौथे चरण के लॉकडाउन के पहले दिन मुलाकात की और समितियों को लेकर बातचीत की।
सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा और लोकसभा के महासचिवों से कहा गया है कि वे संसदीय समितियों की बैठक वीडियो कांफ्रेस से कराने की संभावना पर गौर करें और विस्तृत रिपोर्ट दें ताकि इस पर विचार किया जा सके। नायडू और बिरला ने इस विषय पर दूसरी बार मुलाकात की है। इससे पहले सात मई को दोनों मिले थे।
सूत्रों का कहना है कि सोमवार को बिरला और नायडू को महासचिवों ने अब तक की चर्चा के बारे में जानकारी दी और समितियों की बैठक के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की ओर से प्रदान किए जाने वाले तकनीकी रूप से सुरक्षित प्लेटफॉर्म के बारे में भी सूचित किया। कई समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों ने वीडयो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, आनंद शर्मा और शशि थरूर ने भी यह मांग उठाई है।