गोरखपुर-फूलपुर उप-चुनाव: तो क्या सपा को समर्थन देकर मायावती कर रही हैं दो के बदले एक की गणित?

By आदित्य द्विवेदी | Published: March 5, 2018 10:17 AM2018-03-05T10:17:58+5:302018-03-05T10:51:35+5:30

Gorakhpur and Phoolpur Bye Elections 2018: एक राज्यसभा सीट के एवज में मायावती भूल गईं 25 साल पुरानी रार। सीएम योगी ने दिलाई गेस्ट हाउस कांड की याद।

UP Bye Elections: Mayawati supports SP in lieu of a Rajya Sabha seat, all you need to know | गोरखपुर-फूलपुर उप-चुनाव: तो क्या सपा को समर्थन देकर मायावती कर रही हैं दो के बदले एक की गणित?

गोरखपुर-फूलपुर उप-चुनाव: तो क्या सपा को समर्थन देकर मायावती कर रही हैं दो के बदले एक की गणित?

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का समर्थन करने का फैसला किया है। रविवार को दोनों लोकसभा क्षेत्र के बसपा जोनल को-आर्डिनेटर ने सपा प्रत्याशी को समर्थन करने की घोषणा की। बसपा का कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी को हराने के लिए यह फैसला किया गया है लेकिन असली वजह कुछ और ही जान पड़ती है।

दरअसल, सपा को समर्थन के बहाने मायावती राज्यसभा की तैयारी कर रही हैं। इसी महीने होने वाले राज्यसभा चुनावों में बसपा सुप्रीमो मायावती या उनके भाई आनंद राज्यसभा जा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एक राज्यसभा सीट के एवज में मायावती ने 23 साल पुरानी प्रतिद्वंदिता को भुला दिया? क्या मायावती के सामने पार्टी का अस्तित्व बचाने का संकट पैदा हो गया है?

राज्यसभा का पूरा गणित

उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीट में से सपा के पास 47, बसपा के पास 19, कांग्रेस के पास 7 और रालोद के पास 1 विधायक हैं। यानी पूरे विपक्ष के पास कुल 74 विधायक हैं। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा जाने के लिए किसी भी प्रत्याशी को पहली वरीयता के 37 मतों की आवश्यकता होती है। सपा एक प्रत्याशी को राज्यसभा आसानी से भेज सकती है। उसके बावजूद 10 विधायक अतिरिक्त बचेंगे। इन बचे हुए विधायकों का मत मायावती अपने प्रत्याशी के लिए चाहती हैं। इसके अलावा कांग्रेस और रालोद भी समर्थन कर देंगे तो बसपा का एक प्रत्याशी भी राज्यसभा में पहुंच जाएगा।

सपा-कांग्रेस-रालोद क्यों करेंगे बसपा का समर्थन

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राज्यसभा में सपा अपने अतिरिक्त विधायकों का मत बसपा प्रत्याशी को देगी। उसके बदले बसपा विधान परिषद चुनाव में सपा प्रत्याशी को समर्थन देगी। कांग्रेस यूपी में अपने विधायकों के वोट बसपा प्रत्याशी को दिलाएगी। इसके एवज में मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में बसपा कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेगी।

ये समर्थन है गठबंधन नहीं

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को सपा के साथ किसी भी गठबंधन से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी प्रकार के गठबंधन की बात निराधार है। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में बसपा चुनाव नहीं लड़ रही है। इसलिए कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि बीजेपी के सामने जो मजबूत प्रत्याशी है उसे समर्थन करें।

सपा-बसपा के गठबंधन पर सीएम योगी ने ली चुटकी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी उपचुनाव में सपा-बसपा की दोस्ती पर चुटकी ली है। उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए एक दोहे का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, 'कहु रहीम कैसे निभै, बेर-केर को संग'। सीएम योगी ने 1995 के गेस्ट हाउस कांड की भी याद दिलाई। बता दें कि 1995 में मुलायम सिंह यादव और अन्य सपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा कि उन्होंने गेस्ट हाउस में मायावती और उनके विधायकों के साथ जोर-जबरदस्ती की थी। गेस्ट हाउस कांड की पूरी जानकारी के लिए यह वीडियो देखिए...

दोनों सीटों पर 11 मार्च को होंगे मतदान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनाए गए और केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री चुना गया। दोनों नेताओं के प्रदेश सरकार में शामिल होने से गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट खाली हो गई थी। इन सीटों पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इन दोनों लोकसभा सीटों पर 11 मार्च को मतदान और 14 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

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