लखनऊ: राजस्थान के सियासी ड्रामे (Rajasthan Politics) के बीच कांग्रेस और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ऑडियो टेप कांड को लेकर चौतरफा आलोचना हो रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा है।
मायावती ने कहा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।
मायावती ने कहा, इस प्रकार राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।
मायावती ने दोनों बातें अपनी ट्वीट में भी लिखी है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी ऑडियो टेप/फोन टेप पर शनिवार (18 जुलाई) को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी ने इस पूरे मामले पर सीबीआई (CBI) जांच की मांग की है।
बीजेपी ने फोन टेप पर उठाए पांच सवाल
बीजेपी ने ऑडियो लीक, फोन टैपिंग और इस पूरे मामले को सीबीआई (CBI) जांच की मांग की है। संबित पात्रा ने कहा, बीजेपी इस पूरे प्रकरण का CBI द्वारा जांच की मांग करती है। क्या एसओपी फॉलो हुआ, फोन टेपिंग इत्यादि किया गया? क्या सभी राजनीतिक पार्टी के सभी लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है? इसको लेकर CBI द्वारा तत्कालीन जांच हो।''
बीजेपी ने कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत से इन पांच सवालों का जवाब मांगा है।
पहला- हम कांग्रेस पार्टी और राजस्थान सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या अधिकारिक रूप से फोन टैपिंग की गई?
दूसरा- अगर फोन टैपिंग की गई है तो क्या ये एक संवेदनशील और कानूनी मुद्दा नहीं है?
तीसरा- क्या फोन टैपिंग के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन किया गया?
चौथा- क्या आज राजस्थान में आपातकाल की स्थिति नहीं है?
पांचवां- क्या राजस्थान में प्रत्येक व्यक्ति जिसका कोई भी सरोकार राजनीति है उसका फोन टैप किया जा रहा है क्या?