Bihar Election: कोरोना काल में गरमाई बिहार की सियासत, नया पोस्टर जारी कर JDU ने शुरू किया चुनावी अभियान
By एस पी सिन्हा | Published: July 19, 2020 02:13 PM2020-07-19T14:13:32+5:302020-07-19T14:13:32+5:30
विपक्षी पार्टियों ने कोरोना माहामारी से बिहार के बिगडे हालात के बीच चुनाव टालने की बात कह रहे हैं. यही नहीं एनडीए की सहयोगी दल लोजपा ने भी चुनाव टालने का राग अलापा है.
पटना: बिहार में बेकाबू होते कारोना के कहर के बीच अब सत्तारूढ दल जदयू पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू लगातार तैयारी में जुटी है. वर्चुअल मीटिंग के बाद अब जदयू ने ऑनलाइन पोस्टर भी जारी किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर जनता तक पहुंचने के लिए इस बार नया स्लोगन गढ़ा गया है. जदयू ने जो पोस्टर जारी किया है, उसमें नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ लिखा है कि विकास पथ पर चल पड़ा बिहार, मैं उसकी ही कतार में हूं, बिहार के विकास में, मैं छोटा सा भागीदार हूं... हां मैं नीतीश कुमार हूं.
हालांकि, बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. विपक्षी पार्टियों ने कोरोना माहामारी से बिहार के बिगडे हालात के बीच चुनाव टालने की बात कह रहे हैं. यही नहीं एनडीए की सहयोगी दल लोजपा ने भी चुनाव टालने का राग अलापा है.
सांसद चिराग पासवान ने विपक्ष के साथ सुर मिलाते हुए कोरोना काल में चुनाव करवाने पर असहमति जताई है. उधर चुनाव आयोग ने भी बिहार की राजनीतिक पार्टियों से कोरोना महामारी के बीच चुनाव प्रचार के तरीकों को लेकर राय मांगी है. इसबीच, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि कोरोना संकट में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भय और दहशत की सियासत कर रहे हैं. उनकी फितरत ही आग लगाने की रही है.
15 साल में आपके दल की सरकार में लालटेन ने इतना धुआं उगला कि बिहार का चमकता चेहरा काला पड गया. इसबीच, पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सरकार पर हमला किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण पटना एम्स के सफाई कर्मचारी हडताल पर चले गए. यही नहीं एम्स में आम और नए मरीजों को भर्ती किये जाने पर रोक लगा दी गई है.
यह भी आरोप लगाया कि 30 लाख मजदूर परेशानी में घर आकर वापस चले भी गए लेकिन सरकार को क्या मतलब? उधर, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आरोप लगाया है कि भागलपुर में बिहार के बड़े अस्पताल में बिजली गुल, जेनरेटर बंद, वेंटिलेटर में लगी बैट्री भी फुस्स और फिर ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज की मौत हो गई. सरकार को कोई मतलब नहीं है. इसतरह कोरोनाकाल में भी बिहार में सियासत अपने पीक पर है.