नीतीश कुमार ने अपने फैसले से फिर चौंकाया, उमेश कुशवाहा बनाए गए बिहार जेडीयू के नए अध्यक्ष
By एस पी सिन्हा | Published: January 10, 2021 04:38 PM2021-01-10T16:38:56+5:302021-01-10T17:03:01+5:30
उमेश कुशवाहा को बिहार जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. ये फैसला चौंकाने वाला इसलिए रहा क्योंकि इस पद के लिए रामसेवक सिंह का नाम लगातार चर्चा में था और उन्हें बधाई भी मिलने लगी थी.
पटना: बिहार में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर उमेश कुशवाहा की ताजपोशी कर नीतीश कुमार ने सबको चौंका दिया है. जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को उमेश कुशवाहा को नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया. इससे पहले शनिवार तक रामसेवक सिंह को जदयू का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी हो रही थी.
इसके पहले वशिष्ठ नारायण सिंह प्रदेश अध्यक्ष थे, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से पद छोडने की इच्छा जाहिर की थी. वशिष्ठ नारायण सिंह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोडेंगे, यह बात पहले से साफ हो चुकी थी. चर्चा रामसेवक सिंह की थी, जिनकी छवि बेहद साफ सुथरी रही है.
महनार से विधायक रहे हैं उमेश कुशवाहा, हत्या जैसे गंभीर आरोप
उमेश कुशवाहा महनार से जदयू के विधायक रह चुके हैं. उनके ऊपर हत्या जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं. उमेश कुशवाहा की वजह से पार्टी की भारी फजीहत भी हो चुकी है.
बहरहाल, राज्य कार्यकारिणी की बैठक में उम्मीद के मुताबिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस्तीफे की पेशकश की जिसे स्वीकार कर लिया गया और बाद में कोईरी समाज से आने वाले उमेश कुशवाहा को जदयू का प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया.
राज्य कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए उमेश कुशवाहा के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया, जिसपर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी गई.
रामसेवक सिंह को मिलने लगी थी बधाई
इसके पहले पूर्व मंत्री रामसेवक सिंह को अध्यक्ष बनाये जाने की बात सामने आई थी. रामसेवक सिंह को बधाई भी मिलने लगी थी. उमेश कुशवाहा महनार से जदयू से विधायक थे, लेकिन इस बार इनकी हार हो गई है.
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उमेश कुशवाहा का चयन इतना अप्रत्याशित था कि खुद उमेश कुशवाहा को इस बारे में जानकारी नहीं थी. राज्य कार्यकारिणी और परिषद की रविवार को हुई बैठक में वह मौजूद भी नहीं थे.
हालांकि आनन-फानन में बैठक के दौरान ही उनको बुलावा भेजा गया. आखिरकार उमेश कुशवाहा पार्टी ऑफिस पहुंचे और कर्पूरी सभागार में चल रही बैठक में शामिल हुए.
नीतीश के इस कदम के क्या हैं मायने
नीतीश कुमार ने उमेश कुशवाहा पर भरोसा जताकर एक बार फिर इस बात का संदेश दे दिया है कि वह अपने पुराने वोट समीकरण लव कुश की तरफ फिर से वापस से जाना चाहते हैं.
कुशवाहा समाज को अपने साथ जोड़ने के लिए नीतीश कुमार ने उमेश कुशवाहा के चेहरे पर भरोसा जताया है. वह युवा हैं यह भी एक सकारात्मक पक्ष है.
राजपूत जाति से आने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह लंबे अरसे से प्रदेश अध्यक्ष बने हुए थे. लेकिन अब पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक की कुर्सी पर अपने पुराने आधार वोट के तबके से आने वाले नेताओं को कमान सौंप दी है.
ऐसे में अब बड़ा सवाल ये भी पैदा हो रहा है कि क्या जदयू ने वाकई सवर्णों की राजनीति से अलग जाकर केवल लव-कुश समीकरण पर फोकस करने की रणनीति बनाई है. हालांकि जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार सवर्ण तबके से आने वाले अपने पार्टी के नेताओं को दूसरी भूमिका दे सकते हैं.
उमेश कुशवाहा पर किस हत्या का है आरोप
साल 2018 में जंदाहा प्रखंड प्रमुख मनीष सहनी की हत्या हो गई थी. इस मामले में उमेश कुशवाहा समेत से एक 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. मनीष सहनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जिला सचिव भी थे.
इनकी हत्या के बाद जमकर बवाल भी हुआ था और तब केंद्रीय मंत्री रहते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार की जमकर घेराबंदी की थी. मनीष सहनी की हत्या उस वक्त कर दी गई थी. जब वह अपनी ऑल्टो कार से जा रहे थे.
मनीष सहनी के बडे भाई ओम प्रकाश सहनी ने जंदाहा थाने में आवेदन देकर विधायक उमेश कुशवाहा समेत 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी. चुनाव के दौरान उमेश कुशवाहा ने जो एफिडेविट दिया है, उसके मुताबिक उन्हें इस मामले से बरी कर दिया गया है.