बिहार: RJD का विधायकों और विधान पार्षदों को हर महीने पार्टी फंड में 10 हजार रुपये जमा कराने का निर्देश, JDU ने साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Published: December 20, 2020 03:30 PM2020-12-20T15:30:27+5:302020-12-20T15:42:37+5:30
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने विधायकों को विधा परिषद के सदस्यों को हर महीने पार्टी फंड में 10 हजार रुपया जमा करने को कहा है. पार्टी के इस फैसले पर राज्य की सियासत भी गरमा गई है। जेडीयू समेत हम पार्टी ने राजद पर निशाना साधा है।
पटना: बिहार में सत्ता से दूर रह गई राजद ने अपने विधायकों व विधान परिषद के सदस्यों को पार्टी फंड को लेकर निर्देश जारी किया है. इस खबर के बाहर आने के बाद अब यह मामला सियासी रंग पकड़ता दिख रहा है. एक तरफ जहां जदयू और 'हम' इसको लेकर राजद पर हमलावर है, वहीं राजद के तरफ से इस फैसले का बचाव किया जा रहा है.
राजद की ओर से बताया गया है कि यह पैसा हर जिलों में पार्टी के ऑफिस के किराया और संगठन के खर्च के काम आएगा. भाजपा की तर्ज पर हर जिलों में पार्टी का ऑफिस होगा. राजद के जिला ऑफिस को भी हाईटेक बनाया जाएगा. ऐसे में यह पैसा मददगार साबित होगा.
राजद के अनुसार इन्हीं योजनाओं को देखते हुए सभी विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों हर माह 10 हजार रुपए पार्टी के फंड में जमा कराने को कहा गया है. पहले 25 हजार रुपए हर माह जमा करने का प्रस्ताव था, लेकिन इसका विधायकों ने विरोध किया, तब बात 10 हजार रुपए पर बनी.
पूर्व विधायकों और विधान पार्षदों को भी जमा कराने होंगे पैसे
इस निर्देश के बाद अब 75 विधायक और विधान परिषद के सदस्यों को हर माह पार्टी फंड में 10 हजार रुपए जमा करना होगा. इसके अलावा पूर्व विधायक और विधान पार्षदों को भी पैसा जमा करना होगा. इन लोगों को 4 हजार रुपए हर माह देना होगा.
इस फैसले पर जदयू नेता अजय आलोक ने ट्वीट कर लिखा है, 'पहले टिकट के लिए पैसा दो, जीतने के बाद तनख्वाह में कमीशन दो, हार गए हो तो पेंशन में कमीशन दो, अबे नोट खाते हो क्या? भूख की सीमा होती है, पैसा के मामले में लालू प्रसाद जी आपसे आगे निकल गया ये, कुबेर के राक्षसी साधक हैं ये.'
जंगलराज के साथ खत्म हो गई RJD की कमाई
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद के ऊपर हमला बोलते हुए कहा है कि बिहार में सुशासन की वजह से अब राजद की आमदनी कम हो गई है. कारोबारियों डॉक्टरों से मांगे जाने वाली फिरौती से जनता अब मुक्त है. जंगलराज के खिलाफ वोट देकर जनता नहीं खुद को बचा लिया है, लेकिन इसका परिणाम राजद को भुगतना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि राजद की आमदनी जंगल राज के खात्मे के साथ बंद हो गई. लिहाजा अब पार्टी का खजाना भरने के लिए राजद अपने विधायकों से ही पैसे मांग रही है.
वहीं, इस मामले को लेकर राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी के नेताओं की सुविधा बढ़ाई गई हैं. इसे देखते हुए 10 हजार की राशि कोई बडी नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये न तो कोई नयी प्रक्रिया है और ना ही यह केवल राजद में होता है. यह सभी राजनीतिक दलों में होता है.