बिहार चुनाव में हार पर राजद में मंथन, तेजस्वी यादव ने दिए मध्यावधि चुनाव होने के संकेत, हमें तैयार रहना होगा...
By एस पी सिन्हा | Published: December 21, 2020 07:30 PM2020-12-21T19:30:04+5:302020-12-21T19:31:56+5:30
तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस प्रकार बिहार में अपराधियों का बोलबाला हुआ है, हम बार-बार कह रहे हैं महाजंगल राज का राजा कौन है? कहां गया सुशासन? जज पर हमले हो रहें हैं, दिनदहाड़े हत्या, लूट, मारपीट, अपहरण और गैंगरेप हो रहे हैं.

राजद के 144 प्रत्याशियों में से 69 की हार हुई है. (file photo)
पटनाः बिहार में सरकार बनाने से चूक कैसे हुई? इसपर मंथन करने के लिए लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने अपने उम्मीदवारों के संग समीक्षा बैठक की.
लेकिन हार पर मंथन के लिए बुलाई गई इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा होती दिखी. राजद की समीक्षा बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा की सभी नेताओं ने अपनी बात लिखित में दे. जल्दी ही इसको लेकर कमिटी प्रमंडल वाइज बनेगी और तारीख निर्धारित की जाएगी. सभी लोगो से बातचीत करेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बहुत जल्द तारीख का एलान होगा. प्रमंडल वाइज समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा की फीडबैक लगातार मिल रहा है. हमे सूचना है. लेकिन निर्णय लेने से पहले सबकी बात सुनेंगे फिर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा की कई नेता की शिकायत है. अभी गठबंधन का दौर है, इसमे कुछ सीटें सहयोगी को देना पड़ता है.
जिस प्रकार बिहार में अपराधियों का बोलबाला हुआ है, हम बार-बार कह रहे हैं महाजंगल राज का राजा कौन है? कहां गया सुशासन? जज पर हमले हो रहें हैं, दिनदहाड़े हत्या, लूट, मारपीट, अपहरण और गैंगरेप हो रहे हैं। कहां गया सुशासन? इन सारी चीजों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे: तेजस्वी यादव, राजद pic.twitter.com/3o3KDrCS09
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2020
अफसोस होता है, लेकिन देना पड़ता है. उन्होंने कहा की अफसोश होता है कि वो सीट दे दिए. कई जिला से निराशा हुई है, हमे आशा थी कि वहां बेहतर प्रदर्शन करेंगे, लेकिन ऐसा नही हो सका. इस मौके पर सभी बडे़ नेताओं ने अपने विचार रखे. जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस दौरान बड़ी भविष्यवाणी करते हुए कहा की बिहार में 2021 में भी चुनाव हो सकते हैं.
सामने वाले से लड़ना आसान है. लेकिन भीतरघात करने वाले से लड़ना बहुत मुश्किल
उन्होंने कहा कि सामने वाले से लड़ना आसान है. लेकिन भीतरघात करने वाले से लड़ना बहुत मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि कई बार जिन्हें टिकट नहीं मिलता. वे चाहते हैं कि ये उम्मीदवार हार जाएगा तो अलगी बार मेरे लिए राह आसान हो जाएगा और हम जीत जाएंगे.
तेजस्वी ने आगे कहा कि हमे सबो का वोट मिला है. यह कहना गलत है कि हमे फलां ने वोट नही दिया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमे संगठन का विस्तार करना है. कई बार बोलने के बाद भी संगठन का विस्तार नही हो सका. तेजस्वी यादव ने कहा की राजद के खाते में 144 सीट आया है तो राजद के 144 ही उम्मीदवार होंगे.
लेकिन यहां तो हर कोई चुनाव लडना चाहता है. उन्होंने कहा की इस बार कई सीटिंग विधायक का भी पार्टी ने टिकट काटा था. उन्होंने नेताओं से कहा कि जब कोई फैसला पार्टी ले लेती है तो भीतरघात नही करना चाहिए. भीतरघात से किसी का फायदा नही होता.
प्रदेश अध्यक्ष से कहा की भीतरघात करने वाले पर एक्शन लेना चाहिए
तेजस्वी यादव ने मंच पर बैठे प्रदेश अध्यक्ष से कहा की भीतरघात करने वाले पर एक्शन लेना चाहिए. वहीं इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दकी ने बैठक में कहा कि ईवीएम हैक नहीं होता है, आपका पोलिंग एजेंट एक्टिव नहीं रहता है. जबकि समीक्षा बैठक में बोलते हुए विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि किसान आंदोलन को बिहार में तेज करने की जरूरत है.
राजद महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है. वह अपने दम पर किसान आंदोलन को मजबूती से आगे बढ़ा सकती है. इसके लिए पार्टी वृहद स्तर पर कार्यक्रम तैयार करें और किसान आंदोलन तेज करें. भाई बिरेंद्र ने कहा कि सिर्फ धरना प्रदर्शन से नहीं बल्कि कार्य योजना तैयार हो, क्योंकि हमारे पास पार्टी कार्यकर्ता है, हम लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं. इस पर काम करने की जरूरत है.
हार के कारणों के बारे में उन्हें लिखित तौर पर पार्टी नेतृत्व को देना होगा
यहां बता देंकि बैठक के शुरू होते ही आलोक मेहता ने इस बात की जानकारी सबों को दे दी कि हार के कारणों के बारे में उन्हें लिखित तौर पर पार्टी नेतृत्व को देना होगा. सभी जिला अध्यक्ष और उम्मीदवार अपनी अपनी तरफ से हार का कारण लिखित तौर पर पार्टी नेतृत्व को मुहैया कराएंगे और राजद नेतृत्व उस पर एक कमेटी गठित कर आवश्यक कार्रवाई करेगा.
माना जा रहा है कि राजद के बैठक में आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए यह रास्ता निकाला गया है. कई उम्मीदवार जिला अध्यक्षों के भीतरघात के कारण हारे हैं और अगर आज की बैठक में खुले तौर पर समूह को बोलने का मौका दिया जाता तो पार्टी की भारी फजीहत हो सकती थी.
पार्टी के उम्मीदवार और जिला अध्यक्ष हार के कारणों की जानकारी देंगे
पार्टी के अंदर अंतर कलह बढ़ता देख यह फैसला किया गया कि लिखित तौर पर पार्टी के उम्मीदवार और जिला अध्यक्ष हार के कारणों की जानकारी देंगे. अगर उनको किसी से शिकायत है तो इसकी भी जानकारी लिखित तौर पर दी जाएगी. बाद में पार्टी इसकी गोपनीयता रखते हुए कमेटी को शिकायत फॉरवर्ड करें कि और वही कमिटी मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के लिए नेतृत्व को जानकारी देगी.
हालांकि विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सत्ता से दूर रह जाने के पीछे राजद के नेता कांग्रेस को बडी वजह बता रहे हैं. कांग्रेस के वैसे उम्मीदवार जो चुनाव जीत गए या फिर हार गए, दोनों कांग्रेस के प्रदर्शन पर सवाल खडे़ कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद होने जा रही राजद की यह पहली बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण थी.
चुनाव परिणाम के अलावा किसान आंदोलन को लेकर कृषि कानूनों पर भी चर्चा हुई
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इसमें चुनाव परिणाम के अलावा किसान आंदोलन को लेकर कृषि कानूनों पर भी चर्चा हुई. पार्टी ने राज्य की कानून-व्यवस्था सहित अन्य मसलों पर भी सभी से राय जानने में जुटी रही. भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वास्थ्य सह पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी विपक्षी दलों ने अबतक कुछ सीख ग्रहण नहीं की है.
यही कारण है कि अबतक न तो उन्हें बिहार की तरक्की दिख रही और न ही यहां के लोगों की खुशहाली वे महसूस कर पा रहे हैं. मंत्री ने कांग्रेस और राजद के आचरण और व्यवहार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि असल में विपक्ष के नेता ने भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस पार्टी के नेताओं से शिक्षा-दीक्षा ली है. एक को सरकार की कल्याणकारी योजनाएं नहीं दिखती तो दूसरे को चहुंओर हो रही पीएम और सीएम के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों की हो रही प्रशंसा सुनाई नहीं पड़ती.
कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में केंद्र और बिहार सरकार ने जो तत्परता और जज्बा दिखाया है, उसकी प्रशंसा देश-दुनिया में हो रही है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता अपनी पहचान को कैसे छोड़ सकते हैं? उनके माता-पिता के राजपाट में घटी आपराधिक घटनाओं के इतिहास का पन्ना पलटना चाहिए. रोज गिनती गिन रहे नेता प्रतिपक्ष काश राजद के शासन में घटनाओं को भी वे गिनते. कांग्रेस हो या राजद, इनके नेताओं के अनर्गल कुप्रचार का जनता की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है क्योंकि दोनों की कथनी और करनी को जनता जानती है.