राजद को सत्ता में लाने के लिए जेल में कैद लालू प्रसाद यादव ने संभाला मोर्चा! तेजस्वी से कहा-सीएम नीतीश पर हमला मत करो...
By एस पी सिन्हा | Published: January 1, 2021 09:02 PM2021-01-01T21:02:48+5:302021-01-01T21:23:49+5:30
खराब सेहत के बावजूद लालू प्रसाद यादव बिहार में पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. पार्टी के रणनीतिकारों से वे लगातार संपर्क में हैं. दिन में करीब तीन से चार बार बेटे तेजस्वी यादव से बात कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं.
पटनाः बिहार में सत्ता में आने से बहुत कम अंतर से दूर रह गई राजद(महागठबंधन) अब एकबार फिर से नई मुहिम में जुट गई है.
सूत्रों की अगर मानें तो अरुणाचल प्रदेश में जदयू विधायकों को तोड़कर भाजपा में मिलाने के बाद से पैदा हुई संभावनाओं को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने हाथों से जाने नहीं देना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार भाजपा के इस भीतरघात से नाराज नीतीश कुमार को महागठबंधन के पाले में करने के लिए खुद लालू प्रसाद यादव ने मोर्चा संभाल लिया है.
सूत्रों की मानें तो खराब सेहत के बावजूद लालू प्रसाद यादव बिहार में पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. पार्टी के रणनीतिकारों से वे लगातार संपर्क में हैं. दिन में करीब तीन से चार बार बेटे तेजस्वी यादव से बात कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं.
सूत्र बताते हैं कि लालू परिवार के सदस्यों और राजद नेताओं को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधे राजनीतिक हमला करने से परहेज करने को कहा गया है. यही कारण है कि परिवार का कोई भी सदस्य फिलहाल कहीं कुछ नहीं बोल रहा है. पार्टी के सभी नेताओं को सोच-समझ कर बोलने तथा एक-दूसरे के बयान के साथ पार्टी को खड़ी रखने की जवाबदेही दी गई है.
ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को एक बार फिर अपने पाले में करने के लिए लालू प्रसाद यादव यूपीए के कुछ बडे़ नेताओं की भी मदद ले रहे हैं. संभव है कि नीतीश के लिए यूपीए का दरवाजा खोलने संबंधी बयान एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तरफ से आए. इस रणनीति पर भी काम हो रहा है. इसको लेकर उनकी ओर से खास प्लान बनाया गया है.
सूत्रों के अनुसार एक सोंची-समझी रणनीति के तहत लालू प्रसाद यादव के द्वारा तेजस्वी यादव को खास निर्देश दिए गये हैं. इसके बाद ही राजद के सिपहसालारों को दो अलग-अलग मोर्चे पर तैनात कर दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी को कहा गया है कि जनता परिवार के रिश्तों का हवाला देकर जदयू के शीर्ष नेताओं को साधने की कोशिश करें और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक जैसे नेताओं को बयानों के जरिए पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का होमवर्क दिया गया है.