राजद से इस्तीफा, रघुवंश सिंह ने सीएम नीतीश को लिखा पत्र, कहा-इन तीन मांगों को पूरा कर दें, पढ़िए चिट्ठी

By एस पी सिन्हा | Published: September 11, 2020 03:08 PM2020-09-11T15:08:23+5:302020-09-11T15:08:23+5:30

राजनीति के ब्रह्म बाबा कहे जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बात मानेंगे या फिर वो नए घर में प्रवेश करेंगे? इसपर कयास लगाये जाने लगे हैं. इस बीच रघुवंश प्रसाद सिंह ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कई मांगें रखीं हैं.

Bihar patna cm nitish kumar jdu Resignation from RJD Raghuvansh Singh wrote to CM Nitish fulfill these three demands read the letter | राजद से इस्तीफा, रघुवंश सिंह ने सीएम नीतीश को लिखा पत्र, कहा-इन तीन मांगों को पूरा कर दें, पढ़िए चिट्ठी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज सुबह रघुवंश प्रसाद सिंह को फोन कर उनका हाल जाना है. (file photo)

Highlightsराजद के वरिष्ठ नेता डा रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अब सियासी हलचल भी तेज हो गई है.यह भी चर्चा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह के बडे़ पुत्र सत्यप्रकाश सिंह को राज्यपाल कोटे से विधान पार्षद बनाए जा सकते हैं. डा. रघुवंश प्रसाद सिंह के द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद बिहार की राजनीति में कयासों के दौर शुरू हो चुके हैं.

पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर जारी गहमागहमी के बीच राजद के वरिष्ठ नेता डा रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अब सियासी हलचल भी तेज हो गई है.

राजनीति के ब्रह्म बाबा कहे जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बात मानेंगे या फिर वो नए घर में प्रवेश करेंगे? इसपर कयास लगाये जाने लगे हैं. इस बीच रघुवंश प्रसाद सिंह ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कई मांगें रखीं हैं.

वहीं यह भी चर्चा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह के बडे़ पुत्र सत्यप्रकाश सिंह को राज्यपाल कोटे से विधान पार्षद बनाए जा सकते हैं. इसे लेकर जदयू से बात चल रही है. हालांकि रघुवंश ने इस बाबत कुछ भी नहीं कहा है. डा. रघुवंश प्रसाद सिंह के द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद बिहार की राजनीति में कयासों के दौर शुरू हो चुके हैं.

जेपी नड्डा ने आज सुबह रघुवंश प्रसाद सिंह को फोन कर उनका हाल जाना

इस बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज सुबह रघुवंश प्रसाद सिंह को फोन कर उनका हाल जाना है. यही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी रघुवंश बाबू की तबीयत को लेकर बातचीत की है. वहीं, रघुवंश प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक चिट्ठी लिखी है.

फेसबुक पर अपनी चिट्ठी को पोस्ट करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से उन 3 मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है.  उन्होंने वैशाली को जनतंत्र की जननी और प्रथम गणतंत्र कहते हुए आग्रह किया है कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और 26 जनवरी को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने का निर्णय कर इतिहास की रचना करें.

इसके लिए साल 2000 के पहले झारखंड बंटवारे का जिक्र किया

उन्होंने इसके लिए साल 2000 के पहले झारखंड बंटवारे का जिक्र किया है और कहा है कि 26 जनवरी को पहले रांची में झंडोत्तोलन होता था. इसबीच खबर है कि रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद से इस्‍तीफा की घोषणा के बाद राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बडे़ नेताओं के उनसे संपर्क के मायने हैं.

32 साल तक लालू यादव का साथ निभाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने आखिरकार पार्टी को अलविदा कह दिया. रघुवंश प्रसाद को पार्टी को लेकर कैसा दर्द होगा यह इससे ही समझा जा सकता है वो दिल्ली के एम्स के आईसीयू में भर्ती होने के बाद भी इस्तीफा लिखकर आगे बढ़ा देते हैं.

प्रसाद पार्टी की काम करने के स्टाइल और अपनी हो रही उपेक्षा से काफी वक्त से खुश नहीं थे

हालांकि की रघुवंश प्रसाद पार्टी की काम करने के स्टाइल और अपनी हो रही उपेक्षा से काफी वक्त से खुश नहीं थे. बताया जाता है कि सवर्ण आरक्षण को लेकर रघुवंश का पहली बार पार्टी से विरोध हुआ था. लेकिन लालू यादव ने उन्हें मना लिया. लेकिन रामा सिंह की पार्टी में एंट्री की बात रघुवंश बर्दाश्त नहीं कर सके और पार्टी को बाय बाय कह दिया. लेकिन अब जदयू ने रघुवंश प्रसाद सिंह को अपने पाले में खिंचने के लिए हाथ बढ़ा दिया है.

पत्र में उन्होंने मनरेगा कानून में सरकारी और एससी-एसटी की जमीन में  प्रबंध का विस्तार करते हुए उस खंड में आम किसानों की जमीन को भी काम में जोड़ने का आग्रह किया है. उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि इस आशय का अध्यादेश तुरंत लागू कर आने वाले आचार संहिता से बचा जाए.

सीएम नीतीश से दूसरी मांग में उन्होंने वैशाली को जनतंत्र की जननी और प्रथम गणतंत्र कहते हुए आग्रह किया है कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और 26 जनवरी को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने का निर्णय कर इतिहास की रचना करें. उन्होंने इसके लिए साल 2000 के पहले झारखंड बंटवारे का जिक्र किया है और कहा है कि 26 जनवरी को पहले रांची में झंडोत्तोलन होता था.

वहीं, तीसरी मांग में रघुवंश प्रसाद सिंह ने भगवान बुद्ध के पवित्र भिक्षापात्र को अफगानिस्तान से वैशाली लाने की अपील की है. उनका कहना है कि भगवान बुद्ध अंतिम वर्षावास में वैशाली छोड़ने के समय अपना भिक्षापात्र स्मारक के रूप में वैशाली वालों को दिया था.

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