मुख्यमंत्री आवास में अस्पताल को लेकर सवाल उठाने वाले तेजस्वी यादव खुद फंसे, राजद के कार्यकाल पर उठने लगे हैं सवाल
By एस पी सिन्हा | Published: July 8, 2020 10:02 PM2020-07-08T22:02:10+5:302020-07-08T22:02:10+5:30
लालू प्रसाद यादव के बडे़ बेटे तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री थे, ऐसा ही हुआ था. पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल आईजीआईएमएस के तीन डॉक्टरों और दो नर्सों को 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास पर 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात किया गया था.
पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री आवास में आधुनिक अस्पताल स्थापित किये जाने के निर्णय के बाद उठे बवंडर के बाद अब यह बात सामने आई है कि तेजस्वी यादव ने जिसके लिए हंगामा किया था, वह पहलीबार नहीं हुआ है.
इससे पहले भी वीवीआईपी आवासों पर डॉक्टरों की तैनाती की जाती रही है. जून 2017 में, जब राजद और जदयू की सरकार थी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बडे़ बेटे तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री थे, ऐसा ही हुआ था. पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल आईजीआईएमएस के तीन डॉक्टरों और दो नर्सों को 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास पर 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात किया गया था.
जानकारों के अनुसार ये डॉक्टरों की टीम तेजस्वी यादव के बीमार पिता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए तैनात की गई थी. उस समय भाजपा ने सवाल उठाया था और इसबार तेजस्वी यादव ने उसी तरज पर उसी वाकये को अपना हथियार बनाते हुए मुख्यमंत्री आवास में विशेष कोरोना अस्पताल बनाये जाने का आरोप लगाया.
तेजस्वी यादव ने कहा-“डॉक्टरों और वेंटिलेटर के साथ मुख्यमंत्री के लिए एक अस्पताल बनाया गया है. आम आदमी के लिए, कोई डॉक्टर या नर्स नहीं हैं. आम आदमी के लिए एकमात्र अस्पताल एनएमसीएच है, जिसमें जल जमाव है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के सैम्पल की जांच रिपोर्ट दो घंटे में आ गई, लेकिन आम आदमी को इसके लिए कई दिनों का इंतज़ार करना पड़ता है. तेजस्वी यादव के राजनीतिक हंगामे के बाद मंगलवार शाम को ही यह सुविधा वापस ले ली गई. पटना मेडिकल कॉलेज के अस्पताल अधीक्षक ने मुख्यमंत्री की कोरोना पीड़ित भतीजी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री आवास पर 6 डॉक्टरों और 3 स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती के आदेश को वापस ले लिया है.