पटना: बिहार के जहानाबाद जिले में लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उ्डाकर मछली पार्टी का आयोजन करना बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के निजी सहायक पिंटू यादव को काफी महंगा पड़ा है. कानून का उल्लंघन करने के आरोप में पहले गिरफ्तार होना पड़ा, अब शिक्षा मंत्री ने पिंटू यादव को हटाने की सिफारिश बिहार सरकार से कर दी है. अर्थात अब वह शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के निजी सहायक नही रहेगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला तूल पकडने के बाद शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने यह कदम उठाया है. इससे पहले लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडाकर मछली पार्टी का आयोजन करने वाले पिंटू यादव को पुलिस ने पीआर बांड पर छोड़ दिया है. सोशल डिस्टेंसिंग के मामले में पिंटू यादव समेत तकरीबन तीस लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने शनिवार की रात ही पिंटू यादव को पूछताछ के लिए उठाया था और फिर उसके बाद आज उसे पीआर बांड पर छोड़ दिया गया. हालांकि, शिक्षा मंत्री के स्टाफ पिंटू यादव ने इस पूरे मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है.
सूत्रों की मानें तो पिंटू यादव को भले ही पुलिस ने पीआर बांड पर छोड़ दिया है, लेकिन अब भी वह निगरानी की रडार पर है. पिंटू यादव ने जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड स्थित सुगांव में जो आलीशान मकान बनाया है. वह इस बात का सबूत है कि उसने मंत्री के साथ रहते हुए बडी प्रॉपर्टी बनाई है. अब पिंटू यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच आगे बढ सकती है.
सूत्रों की अगर मानें तो शिक्षा मंत्री के साथ जुडे़ होने के कारण पिंटू यादव ने इसका जमकर लाभ उठाया. शिक्षा मंत्री के करीबियों की मानें तो पिंटू यादव लगातार अपने रसूख का इस्तेमाल कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाया करता था. उसने इसी का फायदा उठाकर अकूत संपत्ति भी बनाई है. यही नहीं उसने मंत्री के साथ होने का प्रभाव दिखाकर बडे-बडे अधिकारियों के साथ उठना बैठना शुरू कर दिया था. इसका ही प्रमाण है कि उसके कार्यक्रम में डीएसपी से लेकर कई दिग्गजों का जमावड़ा लगा था.
वह भी इस कोरोना के बढते प्रभाव के बीच भी. इस मामले में जहानाबाद के डीएसपी के अलावे मखदूमपुर के सीओ और बीडीओ को भी सरकार ने निलंबित कर दिया है. अब उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी चलाने का आदेश दिया गया है. सूत्रों के अनुसार पिंटू यादव भले ही शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के साथ जुडा हुआ रहा, लेकिन वह राजद के एक दबंग विधायक का भी करीबी रहा है. पिंटू यादव ने लोकसभा चुनाव में उस दबंग राजद विधायक के लिए गुपचुप तरीके से काम भी किया था.
सूत्रों की अगर मानें तो पिंटू यादव ने जदयू के साथ सत्ता का लाभ उठाते हुए भी जदयू उम्मीदवार और जहानाबाद से मौजूदा सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के खिलाफ चुनाव में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि सूत्र बताते हैं कि शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा भी अपने निजी सहायक के इस कारनामों से अनजान थे. कहा जा रहा है कि पिंटू यादव ने जिस तरह थोडे ही दिनों में बड़ा रुतबा बनाया था.
उसने सत्ता के लाभ का भरपूर उपयोग किया था. अब इसमें शिक्षा मंत्री की कितनी सहभागिता रही, यह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा. लेकिन जानकारों की अगर मानें तो सरकार अगर इन सभी मामलों की जांच कराये तो पिंटू यादव के साथ-साथ कई अन्य लोग भी जांच के दायरे में आ सकते हैं. शायद यही कारण है कि अपनी किरकिरी होते देख शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने उसे हटाने की अनुशंसा कर दी है.