पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के चुनावी मैदान में उतरने के लिए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी बिगूल फूंक दिया है. जदयू की वर्चुअल रैली के जरिए नीतीश कुमार ने चुनावी दंगल के लिए शंखनाद किया.
उन्होंने वर्चुअल रैली के जरिए प्रदेश जदयू कार्यालय से बिहार के कोने-कोने में फैले अपनी पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं और आम लोगों को संबोधित किया. उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने से पहले लालू- राबड़ी राज को निशाने पर लिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग अंदर है फिर भी बाहर में एक आदमी रख लिया है जो दिन भर अनाप-शनाप ट्वीट करते रहता है. उन्होंने कहा कि भला आप ही बताइए जो जेल में है वो ट्वीट कैसे कर सकता है? इसका मतलब है कि बाहर में एक आदमी को हायर किया गया है जो ये सब कर रहा है.
मियां-बीबी के राज में लोग कैसे गाड़ी से बदूंक निकाल कर चलते थे
उन्होंने कहा कि लालू राज में जो अपराध था उसके बारे में बताना चाहिए. मियां-बीबी के राज में लोग कैसे गाड़ी से बदूंक निकाल कर चलते थे. आगे उन्होंने कहा कि हम लोगों को मौका मिला तो पहले क्या थी? विधि व्यवस्था की और आज क्या है? बिना नाम लिए तेजस्वी पर अटैक करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोग क्या क्या बोलते हैं और खबर छप भी जाती है.
पहले सामूहिक नरसंहार होता था और आज क्या स्थिति है जरा बताइए. हर प्रकार से हम लोगों ने काम किया, लेकिन कुछ लोग कुछ भी बोलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म को हम बर्दाश्त नहीं कर सकती है. जीरो टोलरेंस पर हम काम करते हैं और कहीं भी गलत चीज बर्दाश्त नहीं कर सकते.
लोगों से इसको लेकर सजग व सतर्क रहने की अपील की
रैली के दौरान मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए कार्यों को बताया, साथ ही लोगों से इसको लेकर सजग व सतर्क रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि कोरोना जांच व अन्य मुद्दों को लेकर नीतीश कुमार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित विपक्ष के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वोट लेने वाले लोग काम नहीं बता पाते है. हमारी सरकार ने 6299 कब्रिस्तानों के दिवारो का घेराबंदी कराया. मुख्यमंत्री ने जदयू मुख्यालय में बने नवनिर्मित ‘कर्पूरी सभागार’ के मंच से ‘निश्चय संवाद’ को संबोधित किया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर राज्य सरकार की तरफ उंगली उठाने वाले लोगों को अब जवाब मिल चुका है. आज देश में सबसे ज्यादा कोरोना के टेस्टिंग बिहार के अंदर हो रही है और रिकवरी रेट के मामले में हम देश के अंदर दूसरे नंबर पर हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि अब चुनाव सामने हैं. लेकिन लोगों को कोरोना वायरस ने बचने की जरूरत है. नीतीश कुमार ने कहा कि कल क्या होगा उन्हें नहीं पता, लेकिन कोरोना से लगातार सावधानी जरूरी है. लोगों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना काल में क्या-क्या होगा यह पता नहीं है.
लोगों को जब काम करने का मौका मिला तो बाढ़ राहत पर काम करना शुरू किया
लेकिन आपलोग कोरोना से सुरक्षित रहे. मास्क पहनकर ही बार निकले. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों को जब काम करने का मौका मिला तो बाढ़ राहत पर काम करना शुरू किया. 2007 में बाढ से 22 जिला प्रभावित हुई थी, ढाई करोड़ की आबादी इससे प्रभावित हुई थी, तब हमारी सरकार ने किस तरीके से काम किया किसी से छुपा हुआ नहीं है.
हम लोग पीड़ित परिवार के बीच एक-एक क्विंटल अनाज बांटने लगे. जब हम दरभंगा इलाके में गए तो लोग हमें क्विंटलिया बाबा बोलने लगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ये सब बातें युवाओं को जानना चाहिए.मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लॉकडाउन लागू हुआ उसके बाद बिहार के बाहर फंसे हुए लोगों को हमने मदद पहुंचाई.
हमने लोग बाहर फंसे हुए मजदूरों से संपर्क साधा और उनके खाते में एक-एक हजार रुपए की राशि भेजी. बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख 95000 लोगों के खाते में राशि भेजी गई. उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए बेड, ऑक्सीजन का पर्याप्त इंतजाम है और जितनी व्यवस्था है, उसका पूरा इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा है.
हर दस लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई
मुख्यमंत्री ने बताया कि हर दस लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई. उन्होंने विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए ये भी कहा कि कुछ लोग आलोचना करते रहते हैं, बोलते रहते हैं, लेकिन हमने शुरुआत से ही कोरोना जांच बढाने के लिए कहा था. आज बिहार में हर दिन 1.50 लाख से ज्यादा जांच हो रही है.
कोरोना महामारी को देखते हुए हम मार्च से ही सतर्क थे. केंद्र से पहले ही हमने बिहार में लॉकडाउन शुरू किया था. अब अनलॉक शुरू हो चुका है. हम केंद्र की गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग अपराध पर बिना कुछ जाने ही कुछ लोग कहते रहते हैं.
हकीकत यह है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी 2018 के राष्ट्रीय औसत में अपराध के मामले में बिहार 23 वें नंबर पर है. नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सामूहिक नरसंहार का दौर मुझे याद है. मैं सबको कहूंगा पुराना फोटो निकालकर देखें. उन दिनों में गाड़ी से हथियार लेकर लोग सरेआम निकलते थे. अब क्राइम पर जीरो टालरेंस है.
राज्य सरकार की तरफ से पहुंचाए गए राहत को लेकर भी विस्तार से अपनी बात रखी
इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ आपदा के बीच राज्य सरकार की तरफ से पहुंचाए गए राहत को लेकर भी विस्तार से अपनी बात रखी. उन्होंने बाढ़ आपदा के बीच एयर ड्रॉपिंग के जरिए पहुंचाई गई मदद की चर्चा की.
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले से ही इस बात का ऐलान कर रखा है कि आपदा पीड़ितों का बिहार के खजाने पर पहला हक है और इसीलिए पीडितों को हरसंभव मदद पहुंचाई गई. कोसी आपदा से लेकर मौजूदा बार संकट तक राज्य सरकार ने जो काम किया है वह देश में कहीं देखने को नहीं मिलता है. मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में केंद्र सरकार के सहयोग की भी चर्चा की.
केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने की जो योजना शुरू की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कई बार उन्होंने अपने संबोधन में जिक्र किया. नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना का हाल के दौरान केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने की जो योजना शुरू की उसे बिहार सरकार ने सही तरीके से लागू किया. राज्य के अंदर हर गरीब को अनाज मुहैया कराया गया है.
कोरोना काल में प्रवासियों को लाने के लिए ट्रेनों का इंतजाम और फिर बिहार लौट आए. प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में भी राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना से लेकर अन्य योजनाओं का भी जिक्र किया.
बिहार में आपदा के बीच किसानों को हुए नुकसान की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि अनुदान और सब्सिडी के अलावे अब किसानों को हर संभव मदद राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही है. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने हर संभव मदद लोगों को पहुंचाई है और हम काम करने में विश्वास करते हैं.