ओवैसी का पीएम मोदी पर तंज- कुरान और कम्प्यूटर देने की बात की थी, 4 वर्ष में मुस्लिमों के लिए क्या किया?
By भाषा | Published: July 18, 2018 04:49 AM2018-07-18T04:49:55+5:302018-07-18T04:49:55+5:30
ऑल इंडिया मजलिस - ए - इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र पर मुसलमानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ पिछले चार साल में केंद्रीय क्षेत्र में चाहे वह बैंक हों या रेलवे या फिर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल , कितने अल्पसंख्यकों की भर्ती की गयी ?’’
हैदराबाद , 18 जुलाई: ऑल इंडिया मजलिस - ए - इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र पर मुसलमानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह बताने की मांग की कि समुदाय से कितनों को केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की नौकरियों सहित सरकारी नौकरियां मिली हैं?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तमाम कोशिशें की जाएंगी , लेकिन इसके बावजूद इसे लेकर शायद ही कुछ किया गया।
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा , ‘‘ सीआरपीएफ , सीआईएसएफ , आईटीबीपी , ये सब केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। आप (भाजपा) पिछले चार साल से सत्ता में हैं। प्रधानमंत्री चीख चीखकर दावा करते हैं कि वह एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर देना चाहते हैं। तो आपने पिछले चार सालों में (मुसलमानों के लिए) क्या किया ?’’
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उन्होंने कहा , ‘‘ पिछले चार साल में केंद्रीय क्षेत्र में चाहे वह बैंक हों या रेलवे या फिर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल , कितने अल्पसंख्यकों की भर्ती की गयी ?’’
इससे पहले हैदराबाद के सांसद ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में ‘‘ बहुत कम ’’ मुसलमानों की मौजूदगी का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से आंकड़े सार्वजनिक करने को कहा।
उन्होंने दावा किया कि राजग सरकार ने केंद्र सरकार के उपक्रमों में मुसलमानों को रोजगार मुहैया कराने के लिए कुछ ठोस नहीं किया और कहा , ‘‘ सीआरपीएफ , सीआईएसएफ , आईटीबीपी , सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक , ये सब केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। मैं भारत सरकार और भाजपा सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे कृपया आंकड़े पेश करें। ’’
ओवैसी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यकों से जुड़े आंकड़े पेश करने की परंपरा खत्म कर दी जो 2013 तक होता आया था। उन्होंने राजग सरकार के अधीन केंद्र सरकार की नौकरियों में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ने के अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के कथित दावे को भी खारिज कर दिया।
सांसद ने कहा कि मीडिया में आयी एक खबर में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) में एक ‘‘ एक भी मुसलमान ’’ नहीं है। जब एक पत्रकार ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भर्ती योग्यता के आधार पर होती है , ओवैसी ने कहा कि बहुलतावाद देश की पहचान है जो हर जगह दिखनी चाहिए। ओवैसी की चुनौती को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए धर्म कोई ‘‘पैमाना’’ नहीं है।
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