अमृतसर दशहरा हादसा: सिद्धू दंपति ने पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने का किया था वादा, नहीं किया पूरा, हंगामा
By भाषा | Published: September 28, 2019 07:18 PM2019-09-28T19:18:18+5:302019-09-28T19:18:18+5:30
दावा किया कि नवजोत सिंह सिद्धू ने उन परिवारों को गोद लेने का वादा किया था जो अपने कमाऊ सदस्य को खो चुके थे और उनके मासिक रसोई खर्च को वहन करने का भी वादा किया गया था। उन्होंने मांग की कि ट्रेन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच का नतीजा उन्हें बताया जाये।
अमृतसर में पिछले वर्ष दशहरा समारोह के दौरान हुई एक ट्रेन दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजनों ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के यहां स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया और सरकारी नौकरियों की मांग की।
पिछले साल 19 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर पटरी पर खड़े होकर रावण का पुतला दहन देख रहे लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गये थे। इस हादसे में लगभग 60 लोगों की मौत हो गई थी। यहां जोड़ा फाटक के निकट हुई इस दुर्घटना में 72 लोग घायल हुए थे।
सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू दशहरा के मौके पर आयोजित हुए इस समारोह की मुख्य अतिथि थीं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सिद्धू दंपति ने प्रत्येक पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था और वे अपना वादा निभाने में विफल रहे है।
उन्होंने दावा किया कि नवजोत सिंह सिद्धू ने उन परिवारों को गोद लेने का वादा किया था जो अपने कमाऊ सदस्य को खो चुके थे और उनके मासिक रसोई खर्च को वहन करने का भी वादा किया गया था। उन्होंने मांग की कि ट्रेन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच का नतीजा उन्हें बताया जाये।
उन्होंने हादसे की जिम्मेदारी तय किये जाने और दोषियों को दंडित किये जाने की भी मांग की। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घटना की जांच के आदेश दिये थे। पिछले वर्ष नवम्बर में राज्य के गृह सचिव को 300 पृष्ठ की जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी।