लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चीन से मंगवाई गई कोरोना वायरस जांच की किट को लेकर कई तीखे सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव ने कहा है कि चीन से आने वाली रैपिड टेस्ट किट को बिना गुणवत्ता की जांच किए प्रयोग में लाना देश की जनता के साथ धोखा है। अखिलेश यादव यह भी कहा है कि कोरोना वारियर्स को शहीद का दर्जा दिया जाए।
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, चीन से आयातित रैपिड टेस्ट किट को बिना गुणवत्ता की जाँच किए प्रयोग में लाना जनता के साथ धोखा है। अब टेस्ट स्थगित करनेवाली ICMR को इस विषय पर पहले ही चेतावनी देनी चाहिए थी। इतनी बड़ी लापरवाही पर सरकार तुरंत स्पष्टीकरण देकर बताए कि पहले जो जांच हुई हैं, उनके परिणाम कितने सटीक थे।
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने कोरोना की लड़ाई में काम कर रहे योद्धाओं के लिए शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा, 'सरकार से हमारी मांग है कि कोरोना के मरीजों का इलाज करते-करते, ख़ुद कोरोना से पीड़ित होकर मानवता की सेवा में अपने कर्तव्य को निभाते-निभाते जान न्योछावर करने वाले प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस व अन्य सभी कर्मियों को कोरोना-शहीद का दर्जा दें।'
रैपिड टेस्ट किट में मिली शिकायतें, राज्य दो दिन तक इनका इस्तेमाल न करें : ICMR
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर निगरानी के लिए राज्यों को दी गयी ‘एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट’ के परीक्षण परिणामों में अंतर मिलने की शिकायतों के मद्देनजर अगले दो दिन तक इसका इस्तेमाल नहीं करने का राज्य सरकारों को परामर्श दिया गया है। भारत में चीन की दो कंपनियों से पांच लाख एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट की आपूर्ति हुई है। विभिन्न राज्यों को कोरोना वायरस के संक्रमण की अधिकता वाले इलाकों में संक्रमण पर निगरानी के लिये यह किट मुहैया कराई गई है। आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने के बारे में एक राज्य से मिली शिकायत के आधार पर तीन अन्य राज्यों से इसकी पुष्टि की गई।
उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों को विभिन्न क्षेत्रों में इस किट से परीक्षण के लिये भेजा गया है। गंगाखेड़कर ने कहा कि कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए इस्तेमाल होने वाली आरटी-पीसीआर किट और रैपिड टेस्टिंग किट के परिणाम में काफी अंतर मिलने की एक राज्य से शिकायत मिलने पर इसकी पुष्टि दो अन्य राज्यों से कराये जाने के बाद सभी राज्यों को दो दिन तक इस किट का इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श दिया गया है।
राजस्थान सरकार ने किट की गुणवत्ता को लेकर दी थी जानकारी
राजस्थान सरकार ने मंगलवार को इन किट से असंगत परिणाम मिलने की आईसीएमआर को जानकारी दी थी। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि इस किट के परिणाम सटीक होने की दर 5.4 प्रतिशत ही है, जबकि दावा 90 प्रतिशत होने का किया गया था, इसलिए इस किट के इस्तेमाल का कोई लाभ नहीं है। कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में आईसीएमआर सरकार की नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रहा है। गंगाखेड़कर ने बताया कि इस किट के परिणाम में पीसीआर किट के परिणाम की तुलना में 6 से 71 प्रतिशत तक का अंतर पाया गया। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों द्वारा दो दिन में वस्तुस्थिति का पता लगाने के साथ ही राज्यों को इस किट के उपयोग के बारे में परामर्श जारी किया जाएगा।