बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिना किसी शर्त के मध्यप्रदेश में कांग्रेस को समर्थन तो दे दिया था। लेकिन ये दोनों मध्यप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे। सुत्रों के मुताबिक दोनों नेता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं जाएंगे। बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह हो गया है। मध्यप्रदेश में अभी होना बाकी है।
सिर्फ इतना नहीं बल्कि यूपी से कोई भी नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगा। ऐसे में राजनीति गलियारों में ये चर्चा तेज हो गई है कि इससे महागठबंधन को कोई झटका लग सकता है? क्या मायावती और अखिलेश यादव विपक्षी एकता को झटका देने की तैयारी में हैं? ऐसी चर्चा थी कि तीनों राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण जैसा माहौल देखने को मिलेगा।
राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रदेश की राजधानी जयपुर के अल्बर्ट हॉल परिसर में सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह हुआ। इसमें राजस्थान राज्यपाल कल्याण सिंह ने सीएम गहलोत के साथ उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी शपथ ली। इसमें कांग्रेस के हाथों करारी हार झेलने वाली राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी पहुंचीं।
खबरों के मुताबिक मायावती और अखिलेश यादव के अलावा टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं दिखेंगी। ममता बनर्जी ने ना जाने के पीछे का कारण पारिवारिक मजबूरी बताया। हालांकि ममता बनर्जी के प्रतिनिधि वहां मौजूद होंगे। मायावती और अखिलेश ने शामिल नहीं होने के लिए अभी तक कोई वजह नहीं बताई है।
मध्य प्रदेश में बसपा ने दो और सपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। दोनों पार्टियों ने वहां कांग्रेस को समर्थन दिया है। अखिलेश ने ट्वीट करके कमलनाथ को बधाई देते हुए कहा, ''श्री कमलनाथ जी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में हार्दिक बधाई व उनके शपथ ग्रहण समारोह हेतु अनंत शुभकामनाएँ। मध्य प्रदेश के बिजावर विधान सभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित सपा विधायक श्री राजेश कुमार इस अवसर पर उनके प्रति हमारे समर्थन व शुभकामनाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे।''