क्या लोकसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में होगी कांग्रेस अस्थिर?
By मुकेश मिश्रा | Published: December 25, 2018 04:25 PM2018-12-25T16:25:32+5:302018-12-25T16:25:32+5:30
114 सीट पाकर चार निर्दलीय और सपा बसपा के सहयोग से कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सरकार बनायी है। सरकार बनते ही पार्टी में दबी हुई गुटबाजी उभर कर सामने आ गयी है।
मध्यप्रदेश में 15 साल सत्ता से बाहर रहने के बाद दौडते हॉफते सरकार तक पहुंची कांग्रेस के अन्दर गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। जहाँ कांग्रेस का हर गुट सत्ता में अपनी प्रभावी भागीदारी चाहता है तो वही निर्दलीय और सपा बसपा वा जयस भी अपनी सत्ता में भागीदारी चाहते है।इन सबकों साधना कमलनाथ के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। जो घमासान कांग्रेस के अन्दर मचा हुआ है। उसे देखकर प्रदेश के राजनीतिक पंडितो का मानना है कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार अस्थिर हो सकती है।
114 सीट पाकर चार निर्दलीय और सपा बसपा के सहयोग से कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनायी है। सरकार बनते ही पार्टी में दबी हुई गुटबाजी उभर कर सामने आ गयी। पहले मुख्यमंत्री के नाम पर पार्ती आलाकामन को काफी कसरत करनी पडी। जैसे तैसे वरिष्ठ नेता कमलनाथ का नाम तय हुआ तो सिन्धिया गुट नाराज होकर दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करने पहुंच गया। किसी तरह सिन्धिया को मनाया गया तो लडाई मंत्री मंडल में अपने अपने खास लोगों को प्रभावशाली पद दिलवाने की शुरु हो गयी।
इस मुसीबत के बीच निर्दलीय और दूसरे समर्थन दलों ने भी कांग्रेस से सत्ता भागीदारी मांग ली। मनावर से कांग्रेस की टिकट से निर्वाचित विधायक एंव जयस प्रमुख डॉ। हीरालाल आलावा ने तो सोश्ल मीडिया में ट्विट कर सार्वजनिक रुप से कांग्रेस को नसीहत देते हुए अपने वादे को पूरा करने की बात कही है। उन्होनें लिखा है कि जयस मप्र में कांग्रेस की सरकार बनाने में बडी भूमिका निभाई है। वादे के अनुसार जयस की भागीदारी सरकार में होनी चाहिए। जयस को अनदेखा करना कांग्रेस की बडी भूल होगी। यही नहीं कांग्रेस से बागी चार विधायक भी मंत्री पद चाहते है।
कांग्रेस के अन्दर मंत्री पद को लेकर जो उठा-पटक मची है। उससे लगता है कि मंत्री मंडल बनने के बाद और ज्यादा घमसान मचेगा। लोकसभा चुनाव में यदि कांग्रेस सत्ता से दूर रही और भाजपा की सरकार बनी तो, यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश में सत्ता से दूर हो जायेगी। उस समय बसपा सपा का रुख किस तरफ होगा यह तय हो जायेगा। निर्दलीय और सपा बसपा कही लोकसभा के बाद कांग्रेस का खेल न बिगड दे।