असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का सियासी सफर, बागवानी था पसंदीदा काम, देखें तस्वीरें

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 23, 2020 07:27 PM2020-11-23T19:27:13+5:302020-11-23T19:34:22+5:30

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असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया। पिछले दिनों वह कोविड-19 से संक्रमित हुए थे और उपचार के बाद ठीक हो गए थे लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कुछ जटिलताओं के कारण उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने इस बारे में बताया। गोगोई 84 साल के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी डॉली, बेटी चंद्रिमा और बेटा गौरव हैं।

शर्मा ने बताया कि असम के तीन बार मुख्यमंत्री रहे गोगोई ने गौहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शाम पांच बजकर 34 मिनट पर अंतिम सांस ली। कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद गोगोई को सबसे पहले 26 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी थी। उन्हें दो नवंबर को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गोगोई के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिससे 21 नवंबर को उनकी स्थिति बिगड़ गयी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। गोगोई का रविवार को डायलिसिस किया गया था। पिछले कुछ घंटे से उनकी स्थिति लगातार बिगड़ रही थी और उनकी हालत ‘बहुत नाजुक’ हो गयी थी। गोगोई 2001 से तीताबोर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। वह छह बार सांसद भी रहे और दो बार केंद्रीय मंत्री बने।

तरुण गोगोई के पिता डॉ कमलेश्वर गोगोई रंगजन टी एस्टेट में एक मेडिकल प्रैक्टिशनर थे, वहीं उनकी मां उषा गोगोई कवियत्री थीं, वो प्रसिद्ध कवि गणेश गोगोई की छोटी बहन थीं, इसके अलावा उन्हें अपने कविता संग्रह, हियार सामर (दिल का खजाना) के लिए खास पहचान मिली थी।

तरुण गोगोई ने अपने माता-पिता से अलग अपना करियर एक वकील के तौर पर शुरू किया, उन्होंने साल 1963 में असम की गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से एलएलबी की. वो सामाजिक कार्यों और राजनीति में भी गहरी रुचि रखते थे। 30 जुलाई 1972 को, गोगोई ने डॉली गोगोई से विवाह किया, डॉली ने जीव विज्ञान से पढ़ाई की थी, उनके एक बेटे गौरव गोगोई और बेटी चंद्रमा गोगोई हैं।

असम राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाने वाले तरुण गोगोई ने अपने बिजी समय में से एक खास वक्त बागवानी और किताबों को दिया. उन्हें पढ़ने का हमेशा शौक रहा. इसके अलावा खेलों के प्रति भी उनकी रुचि रही. वो टेनिस और फुटबॉल जैसे गेम पसंद करते थे।

वह अखिल असम मोइना परिजात, बच्चों के संगठनों और भारत युवक समाज के पूर्व कोषाध्यक्ष रह चुके हैं, हाल ही में एनआरसी को लेकर भी वो खूब चर्चा में रहे, इसके विरोध में उन्होंने याचिका डाली थी और 36 साल बाद फिर से काला कोट पहनकर कोर्ट पहुंचने को लेकर खूब चर्चा बटोरी थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया और कहा कि वह एक लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ प्रशासक थे, जिनके पास असम के साथ-साथ केंद्र में भी काम करने का वर्षों का लंबा राजनीतिक अनुभव था। गोगोई का सोमवार को गुवाहाटी में निधन हो गया। पिछले दिनों वह कोविड-19 से संक्रमित हुए थे और उपचार के बाद ठीक हो गए थे लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कुछ जटिलताओं के कारण उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘तरुण गोगोई एक लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ प्रशासक थे, जिनके पास असम के साथ-साथ केंद्र में भी काम करने का वर्षों का लंबा राजनीतिक अनुभव था। उनके निधन से गहरा धक्का लगा है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ है।’’ गोगोई 2001 से तीताबोर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। वह छह बार सांसद भी रहे और दो बार केंद्रीय मंत्री बने।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निधन पर दुख प्रकट करते हुए सोमवार को कहा कि गोगोई उनके लिए महान शिक्षक थे और उनका पूरा जीवन असम के लोगों को एकसाथ लाने में समर्पित रहा। उन्होंने गोगोई के पुत्र गौरव गोगोई और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति संवेदना भी प्रकट की। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘श्री तरूण गोगोई एक सच्चे कांग्रेसी नेता थे। उन्होंने अपना जीवन असम में सभी लोगों और समुदायों को साथ लाने के लिए समर्पित कर दिया। मेरे लिए वह एक महान और विद्वान शिक्षक थे। मैंने उन्हें बहुत गहराई से प्रेम और सम्मान दिया। उनकी कमी मुझे महसूस होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गौरव और उनके परिवार के प्रति स्नेह और संवेदना व्यक्त करता हूं।’’ तरुण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया। वह 84 साल के थे। कुछ सप्ताह पहले वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे।