नई दिल्ली, 3 सितंबर: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने सोमवार को कंपनी आईएलएंडएफएस को अब सरकार द्वारा चलाने की मंजूरी दी है। बता दें कि कंपनी आईएलएंडएफएस 90 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा के कर्ज की देनदारी का सामना कर रही है। ऐसे में जानते हैं आईएलएंडएफएस से आपके पैसे पर कोई संकट तो नहीं? आइए जानते हैं इससे जुड़ी बातें।
क्या है IL&FS ?
आईएलएंडएफएस एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है। इसे एनबीएफसी का दर्जा भी मिला हुआ है। इसकी स्थापना साल 1987 में हुई थी। उस समय इसे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लोन देने के लिए बनाया गया था।
बताया जाता है कि आईएलएंडएफएस में एलआईसी और जापान की ओरिक्स कॉर्पोरेशन कंपनी की 20 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है। वहीं, इसमें अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी का कंपनी में 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा है।
क्या करती है IL&FS ?
आईएलएंडएफएस की स्थापना ही कॉर्पोरेट प्रोजेक्ट्स के लिए हुई थी। इसलिए आईएलएंडएफएस को बहुत से सरकारी प्रोजेक्ट्स मिलते रहे हैं। बाद में फिर आईएलएंडएफएस ने जापान की ओरिक्स कॉर्पोरेशन कंपनी और अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की कंपनी के साथ हिस्सेदारी ली।
आपके पैसों पर कैसे पड़ेगा IL&FS का असर?
इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट की मानें तो यह सिर्फ इस कंपनी का कर्ज में डूबने का मामला नहीं है। बल्कि इसका असर आपके इन्वेस्टमेंट पर भी पड़ेगा।
क्योंकि इसमें कई म्यूचुअल फंड्स, बीमा कंपनियों और पेंशन स्कीम्स का पैसा लगा हुआ है। ऐसे में अगर अगर आपने कहीं इन्वेस्ट किया होगा और उस कंपनी का पैसा यहां लगा होगा तो उसका असर आपके पैसे पर पड़ सकता है।
IL&FS और LIC का क्या है कनेक्शन
सरकार ने आईएलएंडएफएस को बचाने के लिए भारतीय जीवन बीमा (LIC)को बुलाया है। बता दें कि आईएलएंडएफएस में 25.34 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम की है।
वहीं, 40.25 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक और यूटीआई की भी हिस्सेदारी है। बता दें कि इससे पहले जब आईडीबीआई पर एनपीए का बर्डन आया तब भी सरकार ने इसमें भारतीय जीवन बीमा को इन्वोल्व किया।
अब यहां भी सरकार ने भारतीय जीवन बीमा को बुलाया है। ऐसे में अगर कंपनी डूबती है तो भारतीय जीवन बीमा निगम के भी डूबने का खतरा हो सकता है। हालांकि, भारतीय जीवन बीमा निगम के चेयरमैन ने बड़े विश्वास के साथ कहा है कि आईएलएंडएफएस को हम डूबने नहीं देंगे।
उधर, इस बात को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि आईएलएंडएफएस पर 496,400 करोड़ तक बैंकों का लोन है। ऐसे में इसका असर देश के बैंकिंग सेक्टर पर भी दिख सकता है।
इन कंपनियों से लिया है कर्ज
आईएलएंडएफएस ने अबतक का सबसे ज्यादा डिबेंचर्स के रूप में कर्ज लिया है। इन डिबेंचर्स में जीआईसी, पोस्टल लाइफ़ इंश्योरेंस, नेशनल पेंशन स्कीम ट्र्स्ट, एलआईसी, एसबीआई इंप्लाईज पेंशन फंड के साथ अन्य कई फेमस म्यूचुअल फंड्स का है।