Insurance Policy: बीमा पॉलिसी सरेंडर के लिए नया दिशानिर्देश आज से लागू?, जानें क्या है नियम, किसे होगा फायदा, पढ़िए गाइडलाइन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 1, 2024 06:02 AM2024-10-01T06:02:24+5:302024-10-01T06:03:24+5:30

Insurance Policy: पॉलिसीधारक पॉलिसी चलते समय उसे लौटाने का फैसला करता है तो उसे आय और बचत का हिस्सा दिया जाएगा।

Insurance Policy New guidelines surrender applicable from today Know what rules who will benefit read guidelines | Insurance Policy: बीमा पॉलिसी सरेंडर के लिए नया दिशानिर्देश आज से लागू?, जानें क्या है नियम, किसे होगा फायदा, पढ़िए गाइडलाइन

सांकेतिक फोटो

Highlights 'औचित्य और मूल्यपरकता' सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है।जीवन बीमा कंपनियां या तो प्रीमियम की राशि बढ़ाएंगी या फिर अपने एजेंटों के कमीशन में कटौती करेंगी।बीमा उत्पाद और कमीशन संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

Insurance Policy: बीमा पॉलिसी को लौटाने (सरेंडर) से संबंधित नया दिशानिर्देश मंगलवार से लागू हो गया। ऐसा अनुमान है कि इससे बीमा का प्रीमियम बढ़ सकता है या फिर बीमा एजेंटों के कमीशन में कटौती हो सकती है। इस साल की शुरुआत में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों से जल्दी बाहर निकलने वाले पॉलिसीधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए 'सरेंडर वैल्यू' संबंधी संशोधित दिशानिर्देश पेश किए थे। बीमा में 'सरेंडर वैल्यू' का मतलब उस राशि से है जो पॉलिसी की परिपक्वता तिथि से पहले पॉलिसी लौटाने पर बीमा कंपनी की तरफ से पॉलिसीधारक को भुगतान की जाती है। यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी चलते समय उसे लौटाने का फैसला करता है तो उसे आय और बचत का हिस्सा दिया जाएगा।

नियामक ने बीमा कंपनियों को ‘सरेंडर’ के दौरान लौटाई जाने वाली राशि तय करते समय पॉलिसी से बाहर निकलने वाले और जारी रखने वाले पॉलिसीधारकों दोनों के लिए 'औचित्य और मूल्यपरकता' सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है। निजी क्षेत्र की बीमा कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संशोधित ‘सरेंडर’ शुल्क की भरपाई के लिए जीवन बीमा कंपनियां या तो प्रीमियम की राशि बढ़ाएंगी या फिर अपने एजेंटों के कमीशन में कटौती करेंगी। केयरएज रेटिंग्स के निदेशक गौरव दीक्षित ने कहा, "बीमा उत्पाद और कमीशन संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रीमियम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।" अधिकांश बीमा कंपनियों ने इन प्रावधानों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव की तैयारी कर ली है। इनमें से अधिकांश कंपनियों के पास जीवन बीमा दिग्गज एलआईसी की तुलना में सीमित संख्या में पॉलिसी हैं। वहीं एलआईसी को नियामक के निर्देशों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव का एक बड़ा काम करना है।

Web Title: Insurance Policy New guidelines surrender applicable from today Know what rules who will benefit read guidelines

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