पीएफ अकाउंट की फ्री सर्विस से बचाएं लाखों
By स्वाति सिंह | Published: December 20, 2017 02:13 PM2017-12-20T14:13:07+5:302017-12-20T15:02:29+5:30
एम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) बेहतर सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट स्कीम है।
क्या आप जानते हैं एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड आर्गेनाईजेशन (ईपीएफओ) अपने लगभग 4 करोड़ से ज्यादा पीएफ अकाउंट होल्डर्स का पीएफ फंड फ्री में करता है। मतलब यह है कि इसके लिए ईपीएफओ पीएफ अकाउंट होल्डर्स से पैसे नहीं लेता। गौरतलब है कि यह अपने मेंबर्स के पीएफ फंड का प्रबंधन करने के प्रोफेशनल फंड मैनेजर की सेवा लेता है। मैनेजर का काम होता है की वह आपके पीएफ फंड का प्रबंध अच्छे तरीके से करे जिससे आपको आपके पीएफ फंड का अच्छा रिटर्न अच्छा मिल सके।
पीएफ होल्डर्स की कैसे होती हैं लाखों की बचत
हम में से ज्यादातर लोग लॉन्ग टर्म के लिए ही म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं। म्युचुअल फंड हाउस म्युचुअल फंड स्कीम्स के तहत फंड का प्रबंधन करने के लिए सालाना फीस लेते हैं। इसे हम टोटल एक्सपेंस रेशियो कहते हैं। सेबी की गाइडलाइंस के मुताबिक जैसे-जैसे फंड बढ़ता है वैसे ही फीस कम होती जाती है और साथ ही कुल फंड का 2.5 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है। ठीक इसी तरह नेशनल पेंशन सिस्टम में भी जब आप इन्वेस्ट करते हैं तो आपको असेट मैनेजमेंट चार्ज देना होता है, जो मौजूदा समय में यह कुल फंड का 0.01 परसेंट है। आपको हर ट्रांजैक्शन 3.75 रुपए देना अनिवार्य होता है। साथ ही आपको सालाना एनपीएस अकाउंट मेनेटेनेंस के लिए भी चार्ज देना जरूरी होता जो अभी मात्र 95 रुपये हैं। ऐसे में जब अाप अपने पीएफ फंड की दूसरे स्कीमों से तुलना करेगे तो पाएंगे कि आपके मैनेजमेंट फीस वाले 30 से 35 साल में लाखों रुपए की बचत होती है।
ईपीएफ है सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट स्कीम
इम्पलाई प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) बेहतर सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट स्कीम है। इसलिए ईपीएफओ अपने पीएफ अकाउंट होल्डर्स से अपने पीएफ का प्रबंधन करने के लिए कोई पैसा चार्ज नहीं करता।
ईपीएफओ करता है शेयर बाजार में निवेश ताकि रिटर्न्स मिलें बेहतर
ईपीएफओ अपने पीएफ मेंबर्स को उनके पीएफ फंड पर बेहतर रिटर्न देने के लिए कुल इन्वेस्ट योग्य फंड का 15 फीसदी शेयर बाजार में इन्वेस्ट करता है। अब तक शेयर बाजार में इन्वेस्ट से ईपीएफओ को बहुत बेहतर रिटर्न मिले हैं। ईपीएफओ ने बीते साल 2016 -17 के लिए पीएफ मेंबर्स को पीएफ डिपॉजिट पर 8.65 फीसदी रिटर्न था।