28 प्रतिशत तक बढ़ सकता है न्यूनतम वेतन, देखें सरकार ने किसका कितना वेतन किया निर्धारित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 6, 2019 01:13 PM2019-11-06T13:13:35+5:302019-11-06T13:13:35+5:30
जेवियर लेबर रिलेशन इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर, के प्रोफेसर केआर श्याम के मुताबिक, निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए गणना कि जानी चाहिए। और मजदूरी वेतन 200 रुपये से 225 रुपये के बीच में होना चाहिए।
भारत में "राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन" के 28 प्रतिशत बढ़ने के आसार हैं। केंद्र सरकार द्वारा हाल में ही नए मानदंडों के आधार पर 2017 गैर बाध्यकारी दिशानिर्देश वेतन 28 प्रतिशत बढ़ सकता है। इसके लिए कोड 2019 को लागू करने के लिए मसौदा तैयार गया है। इस मसौदे को बहुत से विशेषज्ञों ने मिलकर तैयार किया है।
इसमें कहा गया है कि एक केंद्रीय सलाहकार पहली बार वेतन तय करेगा जो केंद्रीय और राज्य स्तरों पर नए न्यूनतम मजदूरी को लागू करेगा। 2019 मजदूरी कोड एक वैधानिक राष्ट्रीय मजदूरी दर प्रदान करती है, जिसके नीचे किसी भी राज्य निकाय या नियोक्ता द्वारा न्यूनतम मजदूरी तय नही कि जा सकती है।
इस मसौदे को सार्वजनिक सलाह औऱ सुझावों के बाद चार महीनों के भीतर अंतिम रूप दिये जाने की योजना है। हालांकि अभी वेतन मानदंड को एक सलाहकार बोर्ड पर छोड़ दिया गया है जिसे मसौदा न्यूतम मजदूरी तय करने के दिशा-निर्देश देता है।
जेवियर लेबर रिलेशन इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर, के प्रोफेसर केआर श्याम के मुताबिक, निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए गणना कि जानी चाहिए। और मजदूरी वेतन 200 रुपये से 225 रुपये के बीच में होना चाहिए। जब मजदूरी वेतन 14 प्रतिशत से 28 प्रतिशत कि वृद्धि होती है। कुछ राज्यों में उच्चतम न्यूनतम मजदूरी 175 रुपये प्रतिदिन है। यह मसौदा नियम दिन नौ घंटे काम करने वाली शिफ्टों के लिए प्रदान किया जाएगा।
जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि 2015 में 7वें वेतन आयोग ने सरकारी लोगों के लिए 18000 रुपये महीना मासिक आय निर्धारित किया था। ये वेतन महीने में 26 दिन काम करने वालो को 692 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय किया गया था। श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सातवें वेतन आयोग कि सिफारिश पर न्यूतम वेतन 18000 रुपये तय किया गया है, जो वेतन वृद्धि के मापदंड के लिए अनिवार्य होगा।