मोदी सरकार 1 अप्रैल से लागू कर सकती है नए श्रम कानून, एक, दो या तीन छुट्टी वाले कार्य सप्ताह का मिलेगा विकल्प
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 9, 2021 01:04 PM2021-02-09T13:04:32+5:302021-02-09T13:05:56+5:30
केंद्रीय श्रम मंत्रालय चार श्रम कोड, मजदूरी पर कोड, औद्योगिक संबंध, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियों और सामाजिक सुरक्षा कोड के तहत नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।
Centre’s new labour codes: श्रम मंत्रालय चार नयी श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए उनसे संबंधित नियमों को इस सप्ताह अंतिम रूप दे सकता है।
केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्वा चंद्रा ने सोमवार को कहा कि नए श्रम कानूनों के तहत कामगारों के लिए काम के घंटे काफी लचीला बनाने की कोशिश की जा रही है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि एक सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम करना होगा।
इसमें कहा गया है कि आपको पास तीन विकल्प होंगे। अगर कोई कर्मचारी सप्ताह में चार दिन में ही 48 घंटे काम कर लेता है यानी हर दिन उसे 12 घंटे काम करना होगा और तीन दिन उसे छुट्टी दी जा सकती है। यानी आपको हर दिन काम के घंटे की सीमा मौजूदा 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करनी होगी।
हप्ते में 5 दिन काम करना होगा
दूसरा विकल्प भी आपके पास है। हप्ते में 5 दिन काम करना होगा। यानी हर दिन आपको 10 घंटे काम करना होगा और 2 दिन छुट्टी दी जा सकती है। तीसरा विकल्प भी है। यानी आपको 6 दिन काम करना होगा। आठ घंटे प्रति दिन के अनुसार 6 दिन काम करना होगा।
हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे तक ही काम करने की सीमा तय की जाएगी
केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि कर्मचारियों के लिए हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे तक ही काम करने की सीमा तय की जाएगी। श्रम सचिव ने कहा कि चार दिनों के लिए काम करने वालों को अपने नियोक्ताओं द्वारा तीन दिन की छूट दी जाएगी, जबकि पांच दिनों के लिए काम करने वालों को दो दिन का अवकाश देना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि अंतिम नियमों में बदलाव होंगे।
मौजूदा प्रावधानों के तहत आठ घंटे के वर्किंग ऑवर में कार्य सप्ताह छह दिन का होता है तथा एक दिन अवकाश का होता है. प्रस्ताव के अनुसार, कोई भी व्यक्ति कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा।
श्रम बाजार में सुधरे नियमों-अधिनियमों का नया दौर शुरू
इन संहिताओं को लागू करने से देश के श्रम बाजार में सुधरे नियमों-अधिनियमों का नया दौर शुरू होगा। इसके अलावा मंत्रालय असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण एवं कल्याण के लिए एक इंटरनेट-पोर्टल तैयार कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार यह पोर्टल जून तक तैयार हो सकता है। इस पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण और उनके लिए अन्य सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं।
इनमें ठेके या मुक्तरूप से काम करने वाले श्रमिकों और ‘प्लेटफार्म’ श्रमिकों जैसे कर्मियों का पंजीकरण किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में इस प्रकार के वेब-पोर्टल की स्थापना का उल्लेख किया था। श्रम सचिव अपूर्व चंद्र ने कहा, ‘‘ नियम बनाए जा रहे हैं और उम्मीद है कि इस काम को आने वाले सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। इस संबंध में सभी संबद्ध पक्षों से विचार विमर्श किया गया है।’’
श्रम मंत्रालय ने चारों संख्याओं को अप्रैल से लागू करने की योजना
उन्होंने कहा यह मंत्रालय जल्दी ही इस स्थिति में होगा कि चारों नयी संहिताओं को लागू किया जा सके। इनमें वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (ओएसएच) पर संहिता, तथा सामाजिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। श्रम मंत्रालय ने चारों संख्याओं को अप्रैल से लागू करने की योजना बनाई है।
मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए कुल 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है। अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय इन कानूनों को एक ही साथ लागू करना चाहता है। पोर्टल के बारे में चंद्रा ने बताया कि पोर्टल तैयार करने का काम चालू है और यह जून तक शुरू किया जा सकता है।
मजदूरों के पंजीकरण की सुविधा होगी
उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर अल्पकालिक ठेकों या काम के आधार पर सेवाएं देने वाले कर्मियों, निर्माण क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों और दूसरे राज्यों से मजदूरी के लिए आने वाले श्रमिकों से संबंधित सूचनाएं जुटायी जाएगी। इस पर ऐसे मजदूरों के पंजीकरण की सुविधा होगी।
उन्हें एक साल के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत मुफ्त बीमा संरक्षण दिया जाएगा। चंद्रा ने यह भी बताया कि श्रम ब्यूरो ने चार नए सर्वे कराएगा जो दूसरे राज्यों से आने वोले मजदूरों , घरेलू श्रमिकों , पेशेवरों तथा परिवहन क्ष्रेत्र द्वारा सृजित रोजगार से संबंधित होंगे। ब्यूरो प्रतिष्ठानों पर आधारित एक अखिल भारतीय रोजगार सर्वेक्षण (एआईईईएस) शुरू कराएगा।
(इनपुट एजेंसी)