Budget 2020: मांग बढ़ाने के लिए टैक्स में मिलेगी छूट, जानें किन लोगों को मिलेगा फायदा, अभी क्या है टैक्स स्लैब

By भाषा | Published: January 24, 2020 01:08 PM2020-01-24T13:08:32+5:302020-01-24T15:14:45+5:30

Income Tax Rebate: आर्थिक सुस्ती के दौर में सरकार मांग बढ़ाने के लिए लोगों को टैक्स में छूट दे सकती है.

Budget 2020: Income Tax slabs union budget expectations tax cut of middle class | Budget 2020: मांग बढ़ाने के लिए टैक्स में मिलेगी छूट, जानें किन लोगों को मिलेगा फायदा, अभी क्या है टैक्स स्लैब

बजट 2020

Highlightsसर्वे के अनुसार व्यक्तिगत आयकर में कटौती के जरिये फिर से प्रोत्साहन दिया जा सकता है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयकर छूट सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये सालाना से आगे बढ़ा सकतीं हैं।

कंपनियों ने मांग एवं खपत बढ़ाने के लिये आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती की उम्मीद जतायी है। उनका मानना है कि कंपनी कर में उल्लेखनीय कटौती के बाद अब व्यक्तिगत आयकर में कमी की जा सकती है। बजट से पहले किये गये एक सर्वे में यह बात सामने आयी है। टैक्स परामर्श कंपनी केपीएमजी के सर्वे के अनुसार ज्यादातर लोगों का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयकर छूट सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये सालाना से आगे बढ़ा सकतीं हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष के बजट में करदाताओं की पांच लाख रुपये तक की टैक्स योग्य आय को करमुक्त किया हुआ है।

तमाम छूट और रियायतों के बाद यदि कर योग्य आय पांच लाख रुपये से कम रहती है तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, जहां तक टैक्स स्लैब का मुद्दा है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। व्यक्तिगत आयकर स्लैब में 2.5 लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से टैक्स देय है। वहीं पांच लाख से 10 लाख तक 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक के लिये 30 प्रतिशत की दर से आयकर लागू है। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों और बुजुर्गों की आय में अधिक छूट है।

टैक्स पर उपकर और अधिभार भी लागू है। सर्वे में शामिल लोगों में से ज्यादातर का यह भी मानना है कि सरकार एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में मानक कटौती बढ़ाएगी और आवास कर्ज के मामले में और प्रोत्साहन दे सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने कंपनियों के लिये कंपनी कर की टैक्स घटाकर 25 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में उतरने वाली नयी कंपनियों के लिये 15 प्रतिशत की दर से कर लगाने की घोषणा की है।

इस दर से कर लगाने के साथ कंपनियों को विभिन्न मद में दी जाने वाली तमाम रियायतों और छूट को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, इस कदम को सराहा गया और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने वाला बताया गया। लेकिन सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के न्यूनतम स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी जो पिछली तिमाही में 5 प्रतिशत थी। बजट पूर्व किये गये इस सर्वे में 215 कंपनियों को शामिल किया गया। बहुसंख्यक प्रतिभागियों का यह भी मानना है कि विदेशी कंपनियों के लिये भी घरेलू कंपनियों की तरह कर की दर में कमी आनी चाहिए।

सर्वे के अनुसार व्यक्तिगत आयकर में कटौती के जरिये फिर से प्रोत्साहन दिया जा सकता है। ‘‘ज्यादातर लोगों का मानना है कि 2.5 लाख रुपये की न्यूनतम आयकर सीमा को बढ़ाया जाएगा। साथ ही 30 प्रतिशत दर के दायरे में आने वाली आय सीमा को भी बढ़ाया जा सकता है। इससे पिछले साल ब्याज दर में हुई कटौती के साथ उपभोक्ता मांग बढ़ाने में मदद मिल सकती है।’’ सर्वे में 50 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि निर्यात के लिये सेज इकाइयों को मिला कर अवकाश का लाभ मार्च 2020 के बाद स्थापित इकाइयों को भी दिया जा सकता है। 

English summary :
After all the exemptions and concessions, if the taxable income is less than 5 lakh rupees, then no tax will be paid. However, as far as the tax slab is concerned, there was no change. Taxes are payable at the rate of 5% on income ranging from 2.5 lakh to five lakh rupees in personal income tax slabs.


Web Title: Budget 2020: Income Tax slabs union budget expectations tax cut of middle class

पर्सनल फाइनेंस से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे