बजट 2019: 10 % आरक्षण के बाद अब पेंशनभोगियों ने मोदी सरकार से की ये मांग
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 26, 2019 08:10 PM2019-01-26T20:10:18+5:302019-01-26T20:10:18+5:30
वर्तमान में 2.5 लाख रुपये सालाना से कम की आय पर 0 प्रतिशत, 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये सालाना की आय पर आयकर की दर पांच प्रतिशत है।
पेंशभोगियों के एक मंच ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को आरक्षण के प्रावधानों के मद्देनजर सालाना आठ लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को आयकर से छूट दिए जाने की मांग की है।
भारतीय पेंशनर्स मंच का तर्क है कि सामान्य वर्ग के आरक्षण में सालना आठ लाख रुपये तक की आय वालों को आर्थिक रूप से कमजोर मान कर उन्हें आरक्षण के अवसर का पात्र माना गया है इस लिए आयकर छूट की सीमा भी वर्तमान 2.5 लाख से बढ़ा कर आठ लाख रुपये की जानी चाहिए।
संगठन के महामंत्री वी एस यादव ने कहा 'वर्तमान सरकार ने सवर्णों को दिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये सालाना की आय वालों को गरीब माना है। इसलिए अब सरकार को आठ लाख रुपये तक की आय वालों से आयकर वसूलना भी बंद करना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में आयकर छूट सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये किया जाना चाहिए। तभी सभी को न्याय मिल सकेगा। संगठन के कहा है कि अपने सभी पेंशनभोगी सदस्यों की ओर से उसने अपनी मांगों को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक ज्ञापन भी भेजा है और वह अपनी अपनी मांगों पर टिका है।
मोदी सरकार आगामी पहली फरवरी को 2019-20 का बजट पेश करेंगे। यह बजट अंतरिम बजट होगा।
वर्तमान में 2.5 लाख रुपये सालाना से कम की आय पर 0 प्रतिशत, 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये सालाना की आय पर आयकर की दर पांच प्रतिशत है। 5 से 10 लाख रुपये की आय पर कर की दर 20 प्रतिशत और उससे ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है।