केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) में कई बदलाव किए हैं।इस बात की जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने एनपीएस में अपना योगदान 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एनपीएस से 60 फीसदी पैसे निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
गौरतलब है कि अभी तक सरकार मात्र 10 फीसदी का ही सहयोग करती थी। अगर आप इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो एनएससी में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। एनपीएस में इन्वेस्ट करने पर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के अंतर्गत छूट भी मिलती है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। फैसले के मुताबिक एनपीएस में केन्द्र सरकार के योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जायेगा। योजना के तहत कर्मचारी का न्यूनतम योगदान उसके मूल वेतन का 10 प्रतिशत होता है। जेटली ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘कर्मचारियों के व्यापक हित में यह बदलाव किया गया है।’’ एनपीएस में सरकार के योगदान में की गई वृद्धि से सरकारी खजाने पर 2019- 20 में 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है। शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि योजना से बाहर होते समय निकाली जाने वाली 60 प्रतिशत राशि को कर मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही एक तरह से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त हो गई है। एनपीएस के अंशधारक को योजना में जमा राशि में से सेवानिवृति के समय 60 प्रतिशत राशि की निकासी में से 40 प्रतिशत कर मुक्त थी जबकि शेष 20 प्रतिशत पर कर लिया जाता है। बहरहाल, अब पूरी 60 प्रतिशत निकासी को कर मुक्त कर दिया गया है। यह व्यवसथा सभी वर्क के कर्मचारियों के लिये की गई है। लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि एनपीएस को भी ई-ई-ई यानी अंशदान पर-निवेश-प्रतिफल और निकासी तीनों स्तर पर कर में छूट हो जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजनाओं के मामले में है।