छह बार की चैंपियन एमसी मैरी कॉम ने क्वार्टर फाइनल में मिली जीत के साथ ही विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। भारत की अनुभवी बॉक्सर मैरी कॉम ने सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही मेडल पक्का कर लिया है। मैरी कॉम ने विश्व मुक्केबाजी के 51 किलोग्राम भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया को 5-0 से हराया।
मैरी कॉम ने संयम के साथ खेलते हुए अपने मौकों का इंतजार किया। उनका अनुभव उनकी सफलता की कुंजी साबित हुआ। उनके सीधे पंच काफी प्रभावी थे और उन्होंने विक्टोरिया के डिफेंस को भेद दिया। इस जीत के साथ मैरी कॉम ने टूर्नामेंट की सफलतम मुक्केबाज होने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। पदकों की संख्या के आधार पर वह पुरुष और महिला दोनों में सबसे सफल है। पुरूष वर्ग में क्यूबा के फेलिक्स सावोन ने सर्वाधिक सात पदक जीते हैं। मैरी कॉम के नाम अभी तक छह स्वर्ण और एक रजत पदक है।
जीत के बाद उन्होंने कहा, 'पदक सुरक्षित करके मैं बहुत खुश हूं, लेकिन फाइनल में पहुंचने से और खुशी होगी।' उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए अच्छा मुकाबला था और अब मैं सेमीफाइनल में बेहतर प्रदर्शन करना चाहूंगी।'
सेमीफाइनल में शनिवार को उनका सामना दूसरी वरीयता प्रापत तुर्की की बुसेनाज साकिरोग्लू से होगा, जो यूरोपीय चैंपियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता है। उन्होंने चीन की केइ जोंग्जू को क्वार्टर फाइनल में हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है।
मैरी कॉम ने इससे पहले अंतिम 16 मुकाबले में थाईलैंड की जुटामास चिटपोग को 5-0 से हराकर क्वार्टरफाइनल में पहुंची थीं। तीसरी वरीय मैरी कॉम को पहले दौर में बाई मिरी थी और वो बिना खेले ही अंतिम 16 में पहुंच गई थीं।
36 वर्षीय मैरी कॉम 51 किलोग्राम भार वर्ग में पहली बार खेल रही है और इस भारवर्ग में विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में उनका पहला मेडल होगा। इससे पहले वह 48 किलोग्राम भारवर्ग में विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में छह मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। मैरी कॉम ने ने 2018 में नई दिल्ली में अपना आखिरी विश्व चैंपियनशिप गोल्ड मेडल जीता था।
इसके अलावा मैरी कॉम के पास एक एशियाई खेल स्वर्ण पदक, चार एशियाई चैंपियनशिप स्वर्ण पदक और एक राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण है। मैरी कॉम ने 51 किलोग्राम भारवर्ग में 2014-एशियाई खेलों में गोल्ड और 2018 एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल भी जीत चुकी हैं। लंदन ओलंपिक 2012 में भी मैरी कॉम ने 51 किलोग्राम भारवर्ग में ही ब्रॉन्ज जीता था।
एमसी मैरी कॉम का जन्म एक मार्च 1983 को मणिपुर में हुआ था और उनका पूरा नाम मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम है। मैरी कॉम ने साल 2012 के लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज, 2010 के एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज और 2014 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
बॉक्सिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने साल 2003 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया और साल 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। मैरी कॉम को 29 जुलाई 2009 को भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया। मैरी कॉम को 17 जून 2018 को वीरांगना सम्मान से विभूषित किया गया। मैरीकॉम को अप्रैल 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था।