एशियाड की सफलता को ओलंपिक में दोहराने की कोशिश करेंगे : नौकायन कोच इस्माइल बेग

By भाषा | Updated: July 6, 2021 15:04 IST2021-07-06T15:04:05+5:302021-07-06T15:04:05+5:30

Will try to replicate Asiad's success in Olympics: Yachting coach Ismail Baig | एशियाड की सफलता को ओलंपिक में दोहराने की कोशिश करेंगे : नौकायन कोच इस्माइल बेग

एशियाड की सफलता को ओलंपिक में दोहराने की कोशिश करेंगे : नौकायन कोच इस्माइल बेग

(मोना पार्थसारथी)

नयी दिल्ली, छह जुलाई ओलंपिक की नौकायन स्पर्धा में भारत के दो दशक से अधिक के सफर के साक्षी रहे मुख्य कोच इस्माइल बेग की कोशिश एशियाई खेलों में मिली सफलता को ओलंपिक में दोहराने की है लेकिन यथार्थवादी कोच ने स्वीकार किया कि खेलों के महासमर में पदक जीतने के लिये अभी इंतजार करना होगा ।

भारत ने एशियाई खेलों में दो स्वर्ण समेत 23 पदक जीते हैं लेकिन ओलंपिक में सिडनी ओलंपिक 2000 में पदार्पण के बाद से अब तक झोली खाली रही है । रियो ओलंपिक में भारत के दत्तू भोकानल पुरूषों की एकल स्कल में 13वें स्थान पर रहे थे जो अब तक भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कहा जा सकता है।

तोक्यो ओलंपिक में भारत के अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह लाइटवेट डबल स्कल में चुनौती पेश करेंगे जिन्होंने मई में तोक्यो में एशिया ओशियाना उपमहाद्वीपीय रेजेटा की अंतिम रेस में दूसरे स्थान पर रहकर क्वालीफाई किया ।

पुणे स्थित सेना के नौकायन केंद्र पर इन दोनों के साथ अभ्यास में जुटे बेग ने ‘भाषा’ को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘कोरोना महामारी की वजह से परेशानी तो है लेकिन हम तैयारियों से संतुष्ट हैं । चूंकि तोक्यो बे में ही क्वालीफायर हुआ था तो वहां का अनुभव हो गया है जिसका फायदा मिलना चाहिये।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ वहां कड़े कोरोना प्रोटोकॉल का भी अनुभव कर चुके हैं तो अब इतनी दिक्कत नहीं आनी चाहिये ।’’

जापान और पुणे में अभ्यास की परिस्थितियों में हालांकि काफी अंतर है और महामारी के कारण भारतीय टीम विदेश भी नहीं जा सकी । पुर्तगाल में अभ्यास को मंजूरी मिल गई थी लेकिन वहां पृथकवास के कड़े नियमों के कारण दौरा रद्द करना पड़ा ।

बेग ने कहा ,‘‘ जापान में समुद्र के भीतर ही नोड बनाया हुआ है और वहां काफी तेज हवायें चलती है । यहां पुणे में तो वैसी परिस्थितियां नहीं है और ‘फ्लैट वॉटर’ है । वहां हवा तेज रहने पर चुनौती कठिन होगी लेकिन हालात का पता वहां पहुंचकर ही चलेगा ।’’

एशियाई खेलों में भारत के लिये बजरंग लाल ताखड़ ने 2010 ग्वांग्जू खेलों में स्वर्ण पदक जीता जबकि जकार्ता में 2018 में हुए खेलों में स्वर्ण सिंह, दत्तू भोकानल, ओम प्रकाश और सुखमीत सिंह की चौकड़ी ने चार की टीम के स्कल वर्ग में पीला तमगा अपने नाम किया था । भारत 1982 से अब तक एशियाड में नौकायन में 23 पदक जीत चुका है ।

सिडनी 2000 में पहली बार भारत के नौकायन खिलाड़ी कासम खान और इंदरपाल सिंह ने कॉक्सलेस पेयर में ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया और उस समय भी बेग ही भारत के कोच थे ।

बेग ने कहा,‘‘ एशियाड के प्रदर्शन को ओलंपिक में दोहराने की कोशिश जारी है । हर बार हम बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं । थोड़ी मेहनत और जरूरी है और इसी तरह से सहयोग मिलता रहे तो हम जल्दी ही ओलंपिक में पदक जीतेंगे । इसके लिये देश में नौकायन के अधिक केंद्र बनाने की जरूरत भी है ।’’

उन्होंने कहा,‘‘ हम प्रदर्शन के मामले में आगे बढ रहे हैं लेकिन ओलंपिक के मानदंडों पर देखें तो रफ्तार धीमी है । थोड़ी और तेजी लानी होगी ।’’

तोक्यो में उनका लक्ष्य अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके बी फाइनल में जगह बनाना है । कुल 18 टीमों से से सातवें से 12वें स्थान की टीम बी फाइनल में रहती है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ चौदह स्पर्धाओं में यह अकेली लाइटवेट वर्ग की स्पर्धा है । यह सबसे कठिन में से एक है जिसमें शरीर का वजन 70 किलो तक बनाकर रखना होता है । हम बी फाइनल में पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं । कुल 18 टीमें भाग ले रही हैं जिनमें बी मतलब सातवें से 12वें स्थान तक की टीमें । अगर यहां पहुंच सके तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी ।’’

एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता स्वर्ण सिंह 2012 लंदन ओलंपिक में एकल स्कल में 16वें स्थान पर रहे थे जबकि डबल स्कल में मनजीत सिंह और संदीप कुमार 19वें स्थान पर रहे थे।

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