R Praggnanandhaa FIDE World Cup Chess Tournament: 18 साल में कारनामे, फिडे विश्व कप शतरंज के फाइनल में हारे, कैंडिडेट्स 2024 टूर्नामेंट खेलने वाले तीसरे युवा खिलाड़ी, जानें कौन हैं
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 24, 2023 05:47 PM2023-08-24T17:47:37+5:302023-08-24T18:10:56+5:30
R Praggnanandhaa FIDE World Cup Chess Tournament: प्रज्ञानंद ने टूर्नामेंट में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नकामूरा और तीसरे नंबर के खिलाड़ी फेबियानो कारुआना को हराकर कार्लसन के खिलाफ फाइनल में जगह बनाई।
R Praggnanandhaa FIDE World Cup Chess Tournament: भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद फाइनल में मात खा गए। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने टाइब्रेक में 1.5 - 0.5 से हराया। कार्लसन की विश्व कप में यह पहली जीत है, लेकिन वह विश्व चैम्पियनशिप पांच बार जीत चुके हैं।
भारत के 18 वर्ष के प्रज्ञानंद ने कमाल की चुनौती दी। प्रज्ञानंद ने टूर्नामेंट में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नकामूरा और तीसरे नंबर के खिलाड़ी फेबियानो कारुआना को हराकर कार्लसन के खिलाफ फाइनल में जगह बनाई। इस टूर्नामेंट के बाद प्रज्ञानंद ने कैंडिडेट्स 2024 टूर्नामेंट में जगह बना ली जो कनाडा में होगा।
International Chess Federation (FIDE) tweets, "Praggnanandhaa is the runner-up of the 2023 FIDE World Cup! Congratulations to the 18-year-old Indian prodigy on an impressive tournament! On his way to the final, Praggnanandhaa beat, among others, world #2 Hikaru Nakamura and #3… pic.twitter.com/g9Ky5VUdA4
— ANI (@ANI) August 24, 2023
वह बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद इस टूर्नामेंट में जगह बनाने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। जिस आर प्रज्ञानंद का उनके माता-पिता ने टेलीविजन से दूर रखने के लिए शतरंज से परिचय कराया, वही किशोर खिलाड़ी अब 64 खानों के इस खेल का नया बादशाह बनने की राह पर है।
इस 18 वर्षीय खिलाड़ी को पिछले कुछ समय से पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है और उन्होंने बाकू में चल रहे फिडे विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करके इसे सही साबित भी कर दिया। प्रज्ञानंद को अब कैंडिडेट टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिलेगा, जिसका विजेता मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लीरेन के सामने चुनौती पेश करेगा।
Magnus Carlson vs R Praggnanandhaa's second game ends in a draw, Carlson wins the 2023 FIDE World Cup pic.twitter.com/av43eqIX3E
— ANI (@ANI) August 24, 2023
आनंद के बाद प्रज्ञानंद दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कैंडिडेट टूर्नामेंट में जगह बनाई है। प्रज्ञानंद ने साढ़े चार साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया था तथा अपने करियर में वह अभी तक कई उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। पिछले साल उन्होंने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी और पूर्व क्लासिकल चैंपियन मैगनस कार्लसन को एक ऑनलाइन टूर्नामेंट में हराया था।
प्रज्ञाननंदा ने अब तक दिखाया है कि वह दबाव झेलने और खेल के चोटी के खिलाड़ियों को हराने में सक्षम हैं। भारतीय शतरंज के गढ़ चेन्नई के रहने वाले प्रज्ञानंद ने छोटी उम्र से ही इस खेल में नाम कमाना शुरू कर दिया था। उन्होंने राष्ट्रीय अंडर सात का खिताब जीता और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह 10 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय मास्टर और उसके दो साल बाद ग्रैंड मास्टर बन गए थे।
प्रज्ञानंद ने 2019 में 14 साल और तीन महीने की उम्र में अपनी ईएलओ रेटिंग 2600 पर पहुंचा दी थी। कोविड-19 के दौर में उन्होंने ऑनलाइन टूर्नामेंट में अपना जलवा दिखाया। उन्होंने 2021 में मेल्टवॉटर चैंपियंस टूर में सर्गेई कारजाकिन, तैमूूर राडजाबोव और जान क्रिजिस्टॉफ डूडा जैसे शीर्ष खिलाड़ियों को हराया जबकि कार्लसन को बराबरी पर रोका।
प्रज्ञानंद ने वर्ष 2022 में एयरथिंग मास्टर्स रैपिड टूर्नामेंट में कार्लसन को हराया। इस तरह से वह आनंद और हरिकृष्णा के बाद कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने। इसके बाद वह विभिन्न टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ते रहे। प्रज्ञानंद ने विशेषकर विश्वकप में दिखाया कि वह कभी हार नहीं मानते।
दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा के खिलाफ उन्होंने अपने जज्बे का शानदार नमूना पेश किया तथा अपने से अधिक रेटिंग वाले खिलाड़ी को हराया। सेमीफाइनल में उनका मुकाबला विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारुआना से था जिन्हें उन्होंने रक्षण का अच्छा नमूना पेश करके टाई ब्रेकर में पराजित किया।।
विश्वकप के लिए भारतीय टीम के कोच ग्रैंड मास्टर एम श्याम सुंदर ने कहा,‘‘उनकी सबसे बड़ी विशेषता खराब परिस्थिति में भी अच्छा प्रदर्शन करना है।’’ प्रज्ञानंद को आनंद की तरह शुरू से ही अपने परिवार विशेषकर अपनी मां का साथ मिला। उनकी मां नागालक्ष्मी प्रत्येक टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ रहती है जिसका इस युवा खिलाड़ी को भावनात्मक लाभ मिलता है।