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उत्तर कोरिया ओलंपिक से हटा, मीराबाई चानू के पदक जीतने की संभावना बढ़ी

By भाषा | Updated: April 6, 2021 16:42 IST

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(अपराजिता उपाध्याय)

नयी दिल्ली, छह अप्रैल भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू की आगामी ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की उम्मीद बढ़ गई है क्योंकि मंगलवार को उत्तर कोरिया ने घोषणा की कि वे तोक्यो खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे।

उत्तर कोरिया अपने खिलाड़ियों को कोविड-19 के कारण वैश्विक जन स्वास्थ्य संकट से बचाने के लिए 23 अगस्त से आठ जुलाई तक होने वाले खेलों से हट गया है।

पूर्व विश्व चैंपियन चानू महिला 49 किग्रा वर्ग की तोक्यो खेलों की क्वालीफाइंग रैंकिंग में 3869.8038 रोबी अंक के साथ चौथे स्थान पर हैं। रोबी अंक अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ की अंकों की गणना करने की आधिकारिक प्रणाली है।

चानू की निकटतम प्रतिद्वंद्वी उत्तर कोरिया की री सोंग गुम 4209.4909 अंक के साथ तीसरे स्थान पर हैं। री सोंग ने 2019 विश्व चैंपियनशिप में चानू को पछाड़कर कांस्य पदक जीता था। तब भारतीय खिलाड़ी के 201 किग्रा के मुकाबले उत्तर कोरिया की खिलाड़ी ने 204 किग्रा वजन उठाया था।

ऐसे में उत्तर कोरिया अगर तोक्यो ओलंपिक से हटने के अपने फैसले पर अडिग रहता है तो इससे चानू को फायदा होगा।

राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने पीटीआई को बताया, ‘‘उत्तर कोरिया के ओलंपिक से हटने की खबर सुनकर हम खुश हैं लेकिन ईमानदारी से कहूं तो हमारा ध्यान चीन से प्रतिस्पर्धा पर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अंत में व्यक्तिगत प्रदर्शन सबसे महत्वपूर्ण होता है और अगले हफ्ते एशियाई चैंपियनशिप में हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।’’

मौजूदा क्वालीफाइंग रैंकिंग में शीर्ष पांच में चीन की तीन भारोत्तोलक शामिल हैं। हाउ झीहुई (4703.1982) शीर्ष पर चल रही हैं जबकि गत विश्व चैंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक जियांग हुईहुआ (4667.8878) दूसरे स्थान पर हैं। झेंग रोंग (3837.8294) पांचवें स्थान पर काबिज हैं।

चीन की इन तीनों खिलाड़ियों में से हालांकि एक ही ओलंपिक में हिस्सा ले पाएगी क्योंकि भारोत्तोलन में एक देश एक भार वर्ग में एक ही खिलाड़ी को उतार सकता है जिससे चानू अपने भार वर्ग में दूसरी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन जाती हैं।

कुल भार उठाने की बात करें तो चानू (201 किग्रा) से अधिक भार सिर्फ हुईहुआ (212 किग्रा), झीहुई (211 किग्रा) और री सोंग (209 किग्रा) ही उठा पाई हैं। अन्य भारोत्तोलक भारतीय खिलाड़ी से काफी पीछे हैं। अमेरिका की डेलाक्रूज जोर्डन एलिजाबेथ का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 195 किग्रा है जबकि उनके बाद इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी केंटिका (190 किग्रा) का नंबर आता है।

रियो ओलंपिक 2016 में चानू का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। मणिपुर की यह भारोत्तोलक क्लीन एवं जर्क में अपने तीनों प्रयासों में नाकाम रहने के कारण महिला 48 किग्रा वर्ग में कुल भार का आंकड़ा नहीं बना पाई थी।

छब्बीस साल की चानू 16 से 25 अप्रैल तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाले एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा पेश करेंगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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