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महिला विश्व चैंपियनशिप: 6 बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम हैं पदक की दावेदार, युवा मुक्केबाजों से भी है पदक की उम्मीद

By भाषा | Updated: October 2, 2019 12:02 IST

मणिपुर की 36 साल की मैरी कॉम का करियर शानदार रहा है, लेकिन वह 51 किग्रा वर्ग में विश्व खिताब नहीं जीत पाई हैं और रूस के शहर में वह इस खिताब को भी अपनी झोली में डालना चाहेंगी।

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ठळक मुद्देमैरी कॉम विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में एक बार फिर पदक की दावेदार होंगी।मणिपुर की 36 साल की मैरी कॉम का करियर शानदार रहा है।पूर्व चैंपियन एल सरिता देवी (60 किग्रा) पर भी सभी की नजरें होंगी।

उलान उदे (रूस), दो अक्टूबर। छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम अपने अनुभव की बदौलत गुरुवार से शुरू हो रही विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में एक बार फिर पदक की दावेदार होंगी, जबकि भारत को युवा खिलाड़ियों से भी पदक की उम्मीद होगी। मणिपुर की 36 साल की मैरी कॉम का करियर शानदार रहा है, लेकिन वह 51 किग्रा वर्ग में विश्व खिताब नहीं जीत पाई हैं और रूस के शहर में वह इस खिताब को भी अपनी झोली में डालना चाहेंगी। मैरी कॉम ने 51 किग्रा वर्ग में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद ओलंपिक कांस्य पदक और एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता है।

पूर्व चैंपियन एल सरिता देवी (60 किग्रा) पर भी सभी की नजरें होंगी। उन्होंने ट्रायल में शानदार प्रदर्शन करते हुए पिछली बार की कांस्य पदक विजेता और अपने से कहीं अधिक युवा सिमरनजीत कौर को हराया। एशियाई चैंपियनशिप की आठ बार की पदक विजेता साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के पहले एथलीट आयोग की सदस्य बनने की दौड़ में भी शामिल हैं। इसके लिए मतदान इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के दौरान ही होगा। उनके आयोग में जगह बनाने की पूरी उम्मीद है, क्योंकि एशिया से कोई और नामांकन नहीं है।

इंडिया ओपन की स्वर्ण पदक विजेता नीरज (57 किग्रा) और जमुना बोरो (54 किग्रा) उनके पांच मुक्केबाजों में शामिल हैं जो इस प्रतियोगिता में पदार्पण करेंगी और उलटफेर करने में सक्षम हैं। इसके अलावा 75 किग्रा वर्ग में पूर्व एशियाई चैंपियन स्वीटी बूरा पर नजरें रहेंगी। उन्होंने 2014 में इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था।

राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमार ने पीटीआई को बताया, ‘‘टीम में अच्छा मिश्रण है। पिछली बार हमने चार पदक जीते थे, देखते हैं पदार्पण करने वाली मुक्केबाज इस बार चुनौती को लेकर कैसी प्रतिक्रिया देती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां आने से पहले इटली में हमारा ट्रेनिंग सत्र अच्छा रहा जहां हमें चीन की मुक्केबाजों के साथ ट्रेनिंग का मौका मिला जो अधिकांश समय नहीं होता। वे बहुत कम यात्रा करती हैं और महिला मुक्केबाजी में वे सबसे बड़ी दावेदार हैं।’’

मैरी कॉम के पसंदीदा रहे 48 किग्रा वर्ग में इस बार मंजू रानी चुनौती पेश करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने काफी दमदख दिखाया है और उम्मीद करते हैं कि उन्हें पदक मिलेगा।’’ भारत ने इस टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में किया था जब इस प्रतियोगिता की मेजबानी करते हुए उसने मेरिकोम और सरिता के स्वर्ण पदक सहित आठ पदक जीते थे।

टीम इस प्रकार है : मंजू रानी (48 किग्रा), एमसी मेरीकोम (51 किग्रा), जमुना बोरो (54 किग्रा), नीरज (57 किग्रा), सरिता देवी (60 किग्रा), मंजू बोमबोरिया (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), स्वीटी बूरा (75 किग्रा), नंदिनी (81 किग्रा) और कविता चहल (81 किग्रा से अधिक)।

टॅग्स :मैरी कॉममुक्केबाजी
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