महिला सॉफ्टबॉल: भारत के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका, टीम को मिल सकता है ओलंपिक टिकट

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: April 30, 2019 09:54 AM2019-04-30T09:54:13+5:302019-04-30T09:54:13+5:30

टीम की कप्तान सविता पारखे का मानना है कि एशियन कप में टीम के लिए चीन और इंडोनेशिया कड़ी चुनौती है। ये दोनों टीमें काफी हद तक शानदार हैं। भारत की कोशिश होगी इन्हें हराकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की होगी।

Indian women's softball team: eye on Olympic ticket, opportunity to make history | महिला सॉफ्टबॉल: भारत के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका, टीम को मिल सकता है ओलंपिक टिकट

महिला सॉफ्टबॉल: भारत के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका, टीम को मिल सकता है ओलंपिक टिकट

भारतीय महिला सॉफ्टबॉल टीम ने जकार्ता में 1 से 7 मई के बीच एशियन कप में हिस्सा लेना है। ओलंपिक इतिहास में पहली बार महिलाओं का ये इवेंट खेला जाना है। जकार्ता में अगर टीम इंडिया टॉप-3 में रही, तो उसे सीधे टोक्यो ओलंपिक- 2020 का टिकट भी मिल जाएगा। भारत के पास ये सुनहरा मौका है, जिसे वह बखूबी भुनना चाहेगा। टोक्यो ओलंपिक में इस बार पांच नए खेल शामिल किए गए हैं, जिनमें बेसबॉल/सॉफ्टबॉल, कराटे, स्केट बोर्ड, सर्फिंग और स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग शामिल हैं।

टीम की कप्तान सविता पारखे का मानना है कि एशियन कप में टीम के लिए चीन और इंडोनेशिया कड़ी चुनौती है। ये दोनों टीमें काफी हद तक शानदार हैं। भारत की कोशिश होगी इन्हें हराकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की होगी।

सविता पारखे।
सविता पारखे।

विश्व कप खेल चुकीं सविता इंदौर पुलिस में कार्यरत हैं। वह कहती हैं कि "हमने ओलंपिक में पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है। देखना होगा कि एशियन कप में जाकर हमारी टीम कैसा प्रदर्शन कर सकेगी। हम वहां अपना शत प्रतिशत देंगे।" बेसबॉल-सॉफ्टबॉल अधिकतर युवा नहीं खेलते। सविता का कहना है कि इस खेल को बढ़ावा मिले और ज्यादा से ज्यादा लड़कियां को इससे जुड़ना चाहिए।

महिला सॉफ्टबॉल टीम की खिलाड़ी राग मालिका बताती हैं, "केरल में सॉफ्टबॉल खिलाड़ियों को अब जॉब मिलने लगी है। हालांकि सॉफ्टबॉल खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं मिल पा रहे हैं। फिर भी हम इस खेल के प्रति अपनी रुचि के चलते इससे जुड़े हुए हैं।" वहीं प्रियंका शर्मा ने बताया कि राजस्थान में सॉफ्टबॉल खिलाड़ियों को 2 प्रतिशत कोटा के तहत नौकरी मिल रही है।

रागिनी चौहान जो मध्यप्रदेश के देवास से हैं, वह बताती हैं कि उनके राज्य में खिलाड़ियों को विक्रम अवॉर्ड, एकलव्य अवॉर्ड और विश्वामित्र पुरस्कार दिए जाते हैं। इसके तहत खिलाड़ियों को नौकरी दी जाती है, लेकिन इसमें जरूरी नहीं कि बेसबॉल खिलाड़ियों को ही जॉब मिले।

खेल मंत्रालय ने देश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए खेलो इंडिया प्रोग्राम शुरू किया है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी) में ऐथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, हॉकी, फुटबॉल, कुश्ती आदि तो शामिल हैं, लेकिन बेसबॉल/सॉफ्टबॉल नहीं। टीम के कोच निसार का मानना है कि ऐसे खेलों को भी इसमें शामिल किया जाए, ताकि खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निखार आ सके।

Web Title: Indian women's softball team: eye on Olympic ticket, opportunity to make history

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