विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप मे इतिहास रचने वाले अमित ने कहा अभी पूरा नहीं हुआ काम

By भाषा | Published: September 20, 2019 10:37 PM2019-09-20T22:37:43+5:302019-09-20T22:37:43+5:30

अमित पंघाल शुक्रवार को सेमीफाइनल में कजाखस्तान के साकेन बिबोसिनोव को 3-2 हराकर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने।

History-maker Amit Panghal aims for gold at World Championships | विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप मे इतिहास रचने वाले अमित ने कहा अभी पूरा नहीं हुआ काम

विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप मे इतिहास रचने वाले अमित ने कहा अभी पूरा नहीं हुआ काम

Highlightsअमित पंघाल (52 किग्रा) ने कहा कि उनका काम अभी पूरा नहीं है।अमित पंघाल विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने।

एकातेरिनबर्ग (रूस), 20 सितंबर। विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच कर इतिहास रचने वाले भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) ने कहा कि उनका काम अभी पूरा नहीं है क्योंकि उनका लक्ष्य शनिवार को स्वर्ण पदक जीतने का है।

एशियाई चैम्पियन अमित पंघाल शुक्रवार को सेमीफाइनल में कजाखस्तान के साकेन बिबोसिनोव को 3-2 हराकर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने। दूसरे वरीय पंघाल फाइनल में उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से भिड़ेंगे जिन्होंने फ्रांस के बिलाल बेनामा को दूसरे सेमीफाइनल में शिकस्त दी।

पंघाल ने जीत के बाद कहा, ‘‘जाहिर है मैं काफी खुश हूं लेकिन अभी मेरा काम पूरा नहीं हुआ है। मैंने काफी मेहनत की है और यह सुनिश्चित करना चाहूंगा कि मुझे सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज जिस मुक्केबाज से मेरा सामना था वह मुझ से लंबा था लेकिन उसके पंच में मेरी तरह दमखम नहीं था। कल जिस मुक्केबाज से मुझे भिड़ना है मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता। मैं पहले कभी उसके खिलाफ रिंग में नहीं उतरा हूं। मैं पुराने वीडियो देखकर मुकाबले की तैयारी करूंगा।’’

भारतीय मुक्केबाजी में पंघाल के ऊपर चढ़ने का ग्राफ शानदार रहा है जिसकी शुरूआत 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में 49 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक से हुई थी। वह इसी साल विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण करते हुए क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे थे और फिर उन्होंने बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार स्वर्ण पदक हासिल किये और फिर वह 2018 में एशियाई चैम्पियन बने।

पंघाल इकलौते भारतीय मुक्केबाज है जिसने यूरोप के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित प्रतियोगिता स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार दो बार स्वर्ण पदक हासिल किया। इस साल उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप का स्वर्ण अपने नाम कर किया और फिर 49 किग्रा के ओलंपिक कार्यक्रम से हटने के बाद 52 किग्रा में खेलने का फैसला किया।

पंघाल ने कहा, ‘‘ मैंने सामंजस्य बैठा लिया है। मुझे अपने पंच में दमखम की जरूरत थी जो मैंने किया। मैं सही दिशा में आगे बढ़ रहा हूं लेकिन अभी मेरा काम पूरा नहीं हुआ है।’’ रोहतक का यह खिलाड़ी भारतीय सेना में नाएब सूबेदार के पद पर तैनात है।

Web Title: History-maker Amit Panghal aims for gold at World Championships

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