हमें जिन नीतियों से सफलता मिली उसे ओलंपिक से पहले बदलने की जरूरत नहीं: जसपाल राणा
By भाषा | Published: November 28, 2019 05:21 PM2019-11-28T17:21:38+5:302019-11-28T17:21:38+5:30
जसपाल राणा का मानना है कि राष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ को मौजूदा नीतियों और कार्यक्रमों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए जिसने देश को रिकॉर्ड 15 ओलंपिक कोटे दिलाये हैं।
भारतीय जूनियर पिस्टल टीम के कोच जसपाल राणा का मानना है कि राष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ को मौजूदा नीतियों और कार्यक्रमों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए जिसने देश को रिकॉर्ड 15 ओलंपिक कोटे दिलाये हैं। मनु भाकर, चिंकी यादव और सौरभ चौधरी जैसे 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल करने वाले युवा इस पूर्व पिस्टल निशानेबाज की देख रेख में अपने खेल में सुधार किया है।
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने हाल ही में कहा कि निशानेबाजों को अनुमति के बिना किसी भी नए वाणिज्यिक सौदों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए उनके माता-पिता को एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा कि ‘वित्तीय लाभ’ के लिए कोई शोषण नहीं किया जाएगा।
राणा ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह काफी पहले हो जाना चाहिए था। अगर कोई निशानेबाज है जो पहले से अनुबंधित है तो उसे पैसा कौन देगा। आप ये कैसे उम्मीद करते है कि वे अनुबंध की समाप्ति से पहले करार कैसे तोड़ दे।’’
रनिंदर ने यह भी कहा था ओलंपिक से पहले तैयारियों के लिए यहीं अभ्यास करेंगे क्योंकि विदेश जाने से निशानेबाजों का ध्यान भटक जाता है। विश्व चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता और एशियाई खेलों में कई पदक जीतने वाले राणा ने इस मुद्दे पर भी एनआरएआई का साथ दिया लेकिन कहा कि यह कदम काफी देर से उठाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हालांकि समझता हूं कि महासंघ निशानेबाजों की रक्षा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह मैच से पहले निशानेबाजों की तैयारी को प्रभावित कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि एनआरएआई निशानेबाजों की प्रगति की निगरानी कर सकता है, उनके कार्यक्रमों पर नजर रख सकता है, लेकिन इसके साथ ही निशानेबाजों को पैसा कमाने का अधिकार भी है।’’