नई दिल्ली, 13 अप्रैल: स्टार रेसलर गीता फोगाट ने इस बात पर नाखुशी जताई है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में उनकी बहन के फाइनल मुकाबले को देखने के लिए पहली बार विदेश पहुंचे उनके माता-पिता को टिकट नहीं मिला। गीता की छोटी बहन बबिता कुमारी फोगाट ने गुरुवार को महिलाओं की फ्रीस्टाइल 53 किलोग्राम नॉरडिक का ब्रॉन्ज मेडल जीता।
इसी इवेंट का फाइनल देखने के लिए बबिता और गीता के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सकी। गीता ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बड़ी मुश्किल से शाम के सेशन की टिकट ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उपलब्ध करवाई और तब वे कुश्ती का फाइनल देख पाए।
गीता फोगाट ने ट्विटर पर लिखा, 'बहुत ही दुःख हो रहा है आज मेरे “माता-पिता” पहली बार अपनी बेटी का मैच देखने के लिये विदेश गये ओर उनको मैच देखने के लिए टिकट 😡 तक नहीं मिली😓😓..बड़ी मुश्किल से शाम के सेशन की टिकट Australia 🙏🏻की टीम ने मुहैया करवायी तब जा कर फ़ाइनल कुश्ती देख पाए।'
बबिता फोगाट ने गुरुवार को कॉमनवेल्थ गेम्स में तीसरा बार रेसलिंग में मेडल जीता। बबिता इससे पहले 2010 के दिल्ली कॉमवेल्थ गेम्स में (51किग्रा) सिल्वर और 2014 के ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स (55किग्राम) में गोल्ड जीता था।
गीता फोगाट 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। बबिता के अलावा गीता की दो और बहने रितु और संगीता फोगाट भी पहलवान हैं। साथ ही उनकी कजिन विनेश फोगाट भी 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रही हैं।