नयी दिल्ली, 22 मई भारत के नरिंदर बत्रा को अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष पद पर दोबारा चुना गया है। हॉकी की वैश्विक संस्था एफआईएच की 47वीं आनलाइन कांग्रेस के दौरान बत्रा ने अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में बेल्जियम हॉकी महासंघ के अध्यक्ष मार्क कोड्रोन को बेहद करीबी मुकाबले में दो वोट से हराया।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्य बत्रा को शुरू से ही जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन बेल्जियम के प्रतिद्वंद्वी ने उन्हें कड़ी टक्कर दी।
आनलाइन मतदान प्रक्रिया के दौरान बत्रा को 63 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 61 मत मिले। मतदान में 124 सदस्य संघों ने हिस्सा लिया।
बत्रा ने भी स्वीकार किया कि यह करीबी मुकाबला था। उन्होंने कहा कि वह अब अपने साथियों का भरोसा दोबारा हासिल करने की दिशा में काम करेंगे।
बत्रा ने चुनाव के बाद आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘यह अच्छे चुनाव थे, काफी करीबी मुकाबला था। मतदान पर गौर करें तो 49 प्रतिशत लोग बदलाव चाहते थे और अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि उनसे बात करूं और समझूं कि उन्हें क्यों लगता है कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी अति आत्मविश्वास से नहीं भरा था क्योंकि किसी को नहीं पता था कि चुनाव में क्या होने वाला है।’’
मौजूदा महामारी के कारण लागू यात्रा प्रतिबंधों के कारण एफआईएच कांग्रेस का आयोजन आनलाइन किया गया।
मुकाबले के कड़े होने का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि उम्मीदवार को जीत के लिए 63 मत की दरकार थी और बत्रा को इतने ही मत मिले।
बत्रा अब 2024 तक एफआईएच अध्यक्ष रहेंगे क्योंकि एफआईएच ने पिछले साल कांग्रेस को स्थगित किए जाने के कारण कार्यकाल चार साल से घटाकर तीन साल कर दिया है।
इस कांग्रेस का आयोजन पिछले साल होना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।
बत्रा 2016 में एफआईएच के पहले गैर यूरोपीय अध्यक्ष बने थे। उन्होंने एफआईएच की 45वीं कांग्रेस के दौरान एकतरफा जीत दर्ज की थी।
चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखलाएं बहाल होने के बारे में पूछने पर बत्रा ने कहा कि इस बारे में फैसला दोनों राष्ट्रीय महासंघों और दोनों देशों की सरकारों को करना है।
उन्होंने हालांकि कहा कि एफआईएच प्रमुख होने के नाते वे दोनों पड़ोसी देशों के बीच मुकाबले बहाल कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
बत्रा ने कहा, ‘‘इस बारे में हॉकी इंडिया और पाकिस्तान हॉकी महासंघ के बीच चर्चा होनी चाहिए। यह राजनीतिक फैसला भी है जो दोनों देशों की सरकारों को करना है। यह मामला एफआईएच के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान एफआईएच टूर्नामेंटों में एक दूसरे के खिलाफ खेलते हैं और उन मैचों को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक आते है। एफआईएच अध्यक्ष होने के नाते मैं हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले देखना चाहता हूं। ये मुकाबले हमारे खेल का आकर्षण हैं।’’
पहले हॉकी फाइव्स टूर्नामेंट का आयोजन 2023 में होगा और इसके लिए बोली पहले ही आमंत्रित की जा चुकी है। एफआईएच प्रमुख ने कहा कि उनका सपना इस छोटे प्रारूप को 11 खिलाड़ियों के टूर्नामेंट के साथ ओलंपिक में जगह बनाते देखने का है।
हॉकी इंडिया ने भी बत्रा को दोबारा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम सिंह ने कहा, ‘‘डॉ. नरिंदर ध्रुव बत्रा अपने पहले कार्यकाल में हॉकी जगत को नए युग में ले गए और नए प्रारूपों तथा टूर्नामेंटों के साथ खेल की लोकप्रियता और बढ़ेगी विशेषकर युवा पीढ़ी में।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह हॉकी के वैश्विकरण के मिशन के साथ उतरे हैं और हम उन्हें बधाई देते हैं। हमारी शुभकामनाएं हैं कि एफआईएच अध्यक्ष के रूप में लगातार दूसरे कार्यकाल में वह नई उपलब्धियां कायम करेंगे।’’
इस बीच डेनाए एंड्राडा बारियोस और हेजल केनेडी दोनों को पुन: एफआईएच कार्यकारी बोर्ड में महिला सदस्य चुना गया जबकि तैयब हकराम और एरिक कोरनेलिसेन निर्विरोध पुन: पुरुष सदस्य चुने गए।
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