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एआईटीए का आईटीएफ से अनुरोध, अंकिता के एशियाई खेलों के कांस्य पदक पर विचार करें

By भाषा | Updated: June 26, 2021 16:25 IST

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नयी दिल्ली, 26 जून अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने आईटीएफ (अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ) से अनुरोध किया है कि अंकिता रैना को 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक के आधार पर तोक्यो ओलंपिक के महिला एकल ड्रा में एक स्थान देने पर विचार करे क्योंकि चीन की स्वर्ण और रजत पदक विजेता अपनी ऊंची रैंकिंग से सीधे प्रवेश के योग्य हैं।

अंकिता ने 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था जिसमें से विजेता का तोक्यो ओलंपिक के महिला एकल ड्रा में महाद्वीपीय क्वालीफिकेशन स्थान पक्का था।

चीन की वांग कियांग ने जकार्ता और पालेम्बांग में हुए खेलों में स्वर्ण पदक जीता था जबकि उनकी हमवनत झांग शुआई ने रजत पदक अपने नाम किया था।

वहीं 14 जून की डब्ल्यूटीए रैंकिंग के आधार पर झांग (36वीं रैंकिंग) और शुआई (38वीं रैंकिंग) सीधे प्रवेश कर लेंगी।

आईटीएफ के नियमों के अनुसार जो खिलाड़ी महाद्वीपीय खेलों का क्वालीफिकेशन स्थान और फिर सीधे रैंकिंग दोनों से स्थान हासिल कर लेता है, वह महाद्वीपीय क्वालीफिकेशन कोटा स्थान से ही क्वालीफाई करेगा।

लेकिन एआईटीए ने आईटीएफ को लिखा है कि अंकिता का प्रवेश के लिये विचार किया जाये ताकि देश का तोक्यो ओलंपिक की एकल स्पर्धा में प्रतिनिधित्व हो सके।

एआईटीए के एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने उन्हें अंकिता के महाद्वीपीय कोटे के जरिये प्रवेश के बारे में लिखा है और उन्होंने हमें कहा है कि वे हमें बतायेंगे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह समझ में आता है कि अगर स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं ने अपनी ऊंची रैंकिंग के आधार पर ड्रा में प्रवेश कर लिया है तो महाद्वीपीय स्थान अगले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले को दिया जाना चाहिए। ’’

अंकिता 14 जून की रैंकिंग में 181वें स्थान पर थी और इसी दिन सीधे प्रवेश तय हुआ था।

अंकिता हालांकि महिला युगल में तोक्यो में अपना ओलंपिक पदार्पण करेंगी जिसमें वह सानिया मिर्जा की जोड़ीदार होंगी जिन्होंने अपनी शीर्ष 10 रैंकिंग के आधार पर सीधे प्रवेश किया।

सानिया ने अपनी सुरक्षित रैंकिंग (नौ) का इस्तेमाल करते हुए ओलंपिक में प्रवेश किया।

इस बीच विश्वस्त सूत्रों ने कहा कि भारत का पुरूष एकल में प्रतिनिधित्व नहीं हो पायेगा क्योंकि कट 105 रैंकिंग पर रहा और भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी - सुमित नागल (144) और प्रजनेश गुणेश्वरन (148) - इसके करीब भी नहीं हैं।

यह देखना होगा कि रोहन बोपन्ना (38) और दिविज शरण (75) को पुरूष युगल में प्रवेश मिलता है या नहीं। 14 जून को मिलाकर इनकी रैंकिंग 113 थी जिसका मतलब है कि इनका क्वालीफिकेशन अन्य देशों की टीमों के हटने पर निर्भर करेगा।

बोपन्ना और शरण ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन कोटा केवल एकल खिलाड़ियों के लिये रखा गया था।

अगर भारत पुरूष युगल में टीम नहीं उतार पाता है तो देश का मिश्रित युगल स्पर्धा में भी प्रतिनिधित्व नहीं होगा क्योंकि 16 टीमों की स्पर्धा में केवल अन्य स्पर्धाओं के मुख्य ड्रा के खिलाड़ियों को ही रखा जायेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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