नई दिल्ली: पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरी कॉम ने एआईबीए विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियशिप के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं। इसके साथ ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप के करियर में उन्होंने अपना सातवां मेडल पक्का कर लिया है। साथ ही वह इस चैम्पियनशिप के इतिहास की सबसे कामयाब मुक्केबाज भी बन गई हैं।
तीन बच्चों की मां 35 साल की मैरी कॉम ने चीन की वु यू को लाइट फ्लाइवेट (48 किलोग्राम) वर्ग के क्वॉर्टर फाइनल में 5-0 से हराया। इस तरह मैरी कॉम का कम से कम ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर लिया है।
मणिपुर की मैरी कॉम ने इससे पहले वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पांच गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इस दिग्गज महिला मुक्केबाज ने अपना आखिरी मेडल इस इवेंट में 48 किलोग्राम वर्ग में भी 2010 में जीता था। इस जारी चैम्पियनशिप से पहले मैरी कॉम मेडल जीतने के मामले में आयरलैंड की बॉक्सर केटी टेलर के साथ बराबरी पर थीं।
मैरी कॉम ने चीनी मुक्केबाज को 30-27, 29-28, 30-27, 29-28, 30-27 से हराया। अब वह गुरूवार को उत्तर कोरिया की हयांग मि किम से भिड़ेंगी जिन्हें उन्होंने पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में हराया था।
मैरी कॉम ने अपने चिर परिचित अंदाज में खेलते हुए चीनी मुक्केबाज को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया। उनके दांये बांये हाथ से लगाये गये मजबूत मुक्कों का वु यू के पास कोई जवाब नहीं था।
दूसरी ओर हालांकि युवा मुक्केबाज मनीषा मौन (54 किग्रा) को विश्व चैम्पियनशिप-2016 की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 1 – 4 से पराजय का मुंह देखना पड़ा।
बता दें कि राज्य सभा सांसद और लंदन ओलंपिक 2012 की ब्रॉन्ज मेडल विजेता मैरी कॉम ने इसी साल गोल्डकोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपना पहला गोल्ड मेडल जीता था। वहीं, 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स में भी मैरी सोने का तमगा जीत चुकी हैं।