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विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप: मैरी कॉम ने छठी बार जीता गोल्ड मेडल, रचा इतिहास

By विनीत कुमार | Updated: November 24, 2018 17:01 IST

Women's World Boxing Championship 2018 Final: मैरी ने इससे पहले साल 2002, 2005, 2006, 2008 और 2010 में वर्ल्ड खिताब पर कब्जा जमाया था।

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ठळक मुद्देमैरी कॉम ने विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में रचा इतिहासवर्ल्ड चैम्पियनशिप में 6 गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज बनीं मैरी35 साल की मैरी ने फाइनल में यूक्रेन की मुक्केबाज को दी मात

नई दिल्ली: भारत की स्टार महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने शनिवार को दिल्ली के केडी जाधव स्टेडियम में जारी वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में इतिहास रचते हुए छठी बार गोल्ड मेडल जीत लिया। तीन बच्चों की मां 35 साल की मैरी कॉम ने लाइट फ्लाइवेट 48 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में यूक्रेन की हैना अखोटा को 5-0 से हराकर खिताब जीता।

मणिपुर की इस मुक्केबाज ने अपने सटीक और ताकतवर मुक्कों की बदौलत पांचों जज से 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 30-27 अंक हासिल किये। कॉम ने खचाखच भरे स्टेडियम में वर्ल्ड चैम्पियनशिप का अपना सातवां पदक जीता। इससे पहले वह पांच गोल्ड और एक सिल्वर जीत चुकी थीं। मुकाबला जीतने के बाद मेरी कॉम काफी भावुक हो गयीं और खुशी की वजह से उनके आंसू थम नहीं रहे थे। उन्होंने इस पदक को देश को समर्पित किया।

इसके जीत के साथ ही मैरी कॉम 6 बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज बन गई हैं। मैरी कॉम ने इससे पहले वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में अपना आखिरी मेडल 2010 में जीता था।

छठा गोल्ड जीतने के साथ मैरी ने आयरलैंड की केटी टेलर को पीछे छोड़ दिया है। साथ ही वह क्यूबा के फेलिक्स सेवन के बाद वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 6 गोल्ड जीतने वाली (पुरुष या महिला) केवल दूसरी मुक्केबाज बन गई हैं। 

मैरी कॉम ने सेमीफाइनल में नॉर्थ कोरिया की ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता किम हयांग मि को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से शिकस्त दी थी। मैरी ने इससे पहले साल 2002, 2005, 2006, 2008 और 2010 में वर्ल्ड खिताब पर कब्जा जमाया था। इसके अलावा उन्होंने 2001 में अपने पहले वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया था।

राज्य सभा सांसद और लंदन ओलंपिक 2012 की ब्रॉन्ज मेडल विजेता मैरी कॉम ने इसी साल गोल्डकोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपना पहला गोल्ड मेडल जीता था। वहीं, 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स में भी मैरी सोने का तमगा जीत चुकी हैं।

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