लाइव न्यूज़ :

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप: मैरी कॉम बनीं 6 गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज, सोनिया को सिल्वर

By भाषा | Updated: November 24, 2018 21:02 IST

मैरी ने क्यूबा के महान पुरूष मुक्केबाज फेलिक्स सेवोन की बराबरी कर ली जो विश्व चैम्पियनशिप में छह खिताब जीत चुके हैं।

Open in App
ठळक मुद्देमैरी कॉम गोल्ड मेडल जीतकर रचा नया इतिहासवर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में 6 गोल्ड जीतने वाली केवल दूसरी मुक्केबाजहरियाणा की 21 साल की सोनिया को सिल्वर से करना पड़ा संतोष

नई दिल्ली: भारतीय सुपरस्टार एमसी मैरी कॉम (48 किग्रा) ने अपने अनुभव के बूते शनिवार को यहां केडी जाधव हाल में दसवीं महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में यूक्रेन की युवा हाना ओखोटा को 5-0 से पस्त कर छठा स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला।

वहीं, हरियाणा की 21 साल की सोनिया चहल (57 किग्रा) को हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मैरी ने इस तरह क्यूबा के महान पुरूष मुक्केबाज फेलिक्स सेवोन की बराबरी कर ली जो विश्व चैम्पियनशिप में छह खिताब जीत चुके हैं। इससे पहले वह आयरलैंड की केटी टेलर के साथ बराबरी पर थी जो पांच बार विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं।

मैरी कॉम के दमदार पंच

पहले राउंड में मैरी कॉम ने दायें हाथ से सीधा तेज पंच लगाकर शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को जरा भी मौका नहीं दिया और बीच बीच में तेजी से मुक्के जड़ते हुए पांचों जज से पूरे अंक हासिल किये। इस दौरान दोनों एक दूसरे के ऊपर गिर भी गयी थी।

दूसरे राउंड में कोच की सलाह के बाद हाना ने आक्रामक होने की पूरी कोशिश की, पर पांच बार की विश्व चैम्पियन के सामने उनकी एक नहीं चली। हालांकि इसमें यूक्रेन की मुक्केबाज ने दायें हाथ से लगाये गये शानदार मुक्कों से कुछ बेहतरीन अंक जुटाये लेकिन वह मेरीकाम से आगे नहीं निकल सकीं। मेरीकाम ने अपनी चिर परिचित शैली में खेलते हुए जानदार पंच से विपक्षी का हौसला पस्त करना जारी रखा जो तीसरे राउंड में भी जारी रहा। 

मैरी ने दबदबा जारी रखते हुए तेजी से कई पंच विपक्षी मुक्केबाज के मुंह पर जमा दिये। ऐसा दिख रहा था कि विपक्षी मुक्केबाज उनके सामने निरूत्तर थी। उसने कई बार जोरदार मुक्कों से वापसी का प्रयास किया, लेकिन अनुभवी मेरीकाम के पास उनकी हर चाल का जवाब था।

भावुक हुईं मैरी कॉम

मैरी कॉम ने खचाखच भरे स्टेडियम में घरेलू दर्शकों के सामने दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया। यह उनका विश्व चैम्पियनशिप में सातवां पदक है, इससे पहले वह पांच स्वर्ण और एक रजत जीत चुकी थी। मुकाबला जीतने के बाद मैरी कॉम काफी भावुक हो गयीं और खुशी की वजह से उनके आंसू थम नहीं रहे थे। उन्होंने इस पदक को देश को समर्पित किया। 

लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मैरी कॉम को निश्चित रूप से अपार अनुभव का फायदा मिला। उन्होंने कोच की रणनीति के अनुसार खेलते हुए लाइट फ्लाईवेट फाइनल में अपने से 13 साल छोटी हाना को 5 - 0 से पराजित किया जो युवा यूरोपीय चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता है।

मैरी कॉम ने हाल में सितंबर में पोलैंड में हुई सिलेसियान मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में यूक्रेन की इस मुक्केबाज को हराकर फाइनल में प्रवेश कर स्वर्ण पदक हासिल किया था। मणिपुर की इस मुक्केबाज ने अपने सटीक और ताकतवर मुक्कों की बदौलत पांचों जज से 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 30-27 अंक हासिल किये।

सोनिया चहल को सिल्वर से करना पड़ा संतोष

भिवानी की 21 वर्षीय सोनिया को फेदरवेट फाइनल में जर्मनी की गैब्रियले ओर्नेला वाहनर से 1– 4 से शिकस्त मिली। वह पाचों जज के फैसले में 28-29, 28-29, 29-28, 28-29, 28-29 से पिछड़ीं। सोनिया पहले ही कह चुकी थी कि विपक्षी मुक्केबाज ‘हार्ड हिटर’ है और वह इतनी तेज नहीं खेलतीं।

मुकाबले के दौरान साफ दिखा कि जर्मनी की मुक्केबाज तीनों राउंड में हावी रही और सोनिया का दनादन मुक्कों से दमखम भी कम हो गया। हालांकि वह अपनी पहली विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने में सफल रही, यह शानदार उपलब्धि है।

तेज मुक्कों के सामने पस्त हुईं सोनिया

सोनिया दूसरे राउंड में ही पस्त हो गयी थी। पहले राउंड में जर्मनी की मुक्केबाज ने आक्रामक खेलना शुरू किया और मजबूत मुक्कों से मेजबान देश की मुक्केबाज को पछाड़ा जो रक्षात्मक खेलते हुए पंच लगाने का मौका ढूंढती दिखी और एक जोरदार पंच से गिर भी गयीं।

दूसरे राउंड और तीसरे राउंड का हाल एक सा रहा जिसमें सोनिया के पास गैब्रिएल के मुक्कों का कोई जवाब नहीं था। हालांकि सोनिया ने वापसी की कोशिश के तहत अंत में कुछ लगातार मुक्के जमाये।

सोनिया ने मुकाबले के बाद स्वीकार किया कि वह विपक्षी से कमतर थी। उन्होंने कहा, 'वह हार्ड हिटर है और मजबूत मुक्केबाज है, मैं यह जानती थी। मुझे लगातार पंच लग रहे थे जिससे थोड़ा स्टैमिना कम हुआ और यहीं कमतर रह गयी।' 

उन्होंने कहा, 'यह मेरी पहली बड़ी चैम्पियनशिप, इसमें रजत पदक जीतना अच्छा है। अगली बार पूरी तरह तैयार होकर खेलूंगी और स्वर्ण पदक जीतूंगी। अब ध्यान 2020 ओलंपिक क्वॉलिफायर पर लगाऊंगी।'

टॅग्स :मैरी कॉममुक्केबाजी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतविश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स में 20 पदक, सोना ही सोना?, 09 स्वर्ण, 06 रजत और 05 कांस्य, भारतीय मुक्केबाजों ने चीन और इटली को धुना

भारतWorld Boxing Cup 2025: मीनाक्षी हुड्डा, प्रीति पवार ने वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स जीते गोल्ड मेडल

भारतकौन हैं जैस्मीन लंबोरिया?, विश्व खिताब जीतने वाली केवल तीसरी भारतीय मुक्केबाज

भारतअंडर-19 एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिपः 3 गोल्ड, 7 सिल्वर और 4 कांस्य पदक, टीम इंडिया ने कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और चीन को हराते हुए 14 मेडल पर कब्जा

विश्वएशियाई अंडर-15 और अंडर-17 मुक्केबाजी चैंपियनशिपः 43 पदक पक्के, गर्मी में पदकों की बारिश?, देखिए लिस्ट

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!