धरती से सिर्फ 16 मिनट की दूरी पर था कल्पना चावला का अंतरिक्ष यान और सबकुछ बिखर गया!

By आदित्य द्विवेदी | Updated: February 1, 2018 08:39 IST2018-02-01T08:05:36+5:302018-02-01T08:39:27+5:30

कल्पना चावला पुण्यतिथिः भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से लौटते वक्त हादसे का शिकार हो गई। उनकी पुण्यतिथि पर कोलंबिया शटल STS-107 हादसे की पूरी कहानी...

Kalpana Chawla 15th Death anniversary: Columbia Space shuttle disaster story | धरती से सिर्फ 16 मिनट की दूरी पर था कल्पना चावला का अंतरिक्ष यान और सबकुछ बिखर गया!

धरती से सिर्फ 16 मिनट की दूरी पर था कल्पना चावला का अंतरिक्ष यान और सबकुछ बिखर गया!

1 फरवरी 2003। भारतीय मूल की कल्पना चावला अपने अन्य 6 सहयोगियों के साथ अंतरिक्ष से धरती पर लौट रही थी। उनका अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 धरती से करीब दो लाख फीट की ऊंचाई पर था। उस वक्त इस यान की रफ्तार करीब 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी। अगले 16 मिनट में यह यान अमेरिका के टैक्सस में उतरने वाला था। पूरी दुनिया की निगाहें इन यात्रियों पर टिकी हुई थी। अचानक इस अंतरिक्ष यान से नासा का संपर्क टूट गया। और अगले कुछ मिनटों में इसका मलबा टैक्सस राज्य के डैलस इलाके में लगभग 160 किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गया।

भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला समेत सातों अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई। इस घटना को आज 15 बरस पूरे हो चुके हैं। आज पूरा देश कल्पना चावला की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहा है। हरियाणा के एक कस्बे करनाल में जन्मीं, तमाम उतार चढ़ावों से गुजरते हुए कल्पना चावला ने तारों तक का सफर तय किया और खुद एक सितारा बन गई।

शुरुआती जीवनः कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। कल्पना की शुरुआती पढ़ाई करनाल के ही टैगोर बाल निकेतन में हुई थी। उस समाज में कल्पना जैसी लड़की के ख्वाब अकल्पनीय थे। मन ही मन में उन्होंने तय कर लिया था कि तारों तक जाना है। लिहाजा चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में कल्पना ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की पढ़ाई की।

तारों की ओर पहला कदमः यह साल 1982 की बात है। अपने सपने को पूरा करने के लिए नासा जाना जरूरी था। यही लक्ष्य लेकर वो अमेरिका चली गई। उन्होंने टैक्सस यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक की पढ़ाई पूरी की। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। साल 1988 में कल्पना चावला के नासा ज्वॉइन करने का सपना पूरा हुआ। उनकी नियुक्ति नासा के रिसर्च सेंटर में की गई।

...और वो दिन आ गयाः एम.टेक की पढ़ाई के दौरान कल्पना चावला को जीन-पियरे हैरिसन से प्यार हुआ। और दोनों ने शादी कर ली। 1991 में उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिल गई। वह साल 1995 का मार्च महीना था जब कल्पना चावला की जिंदगी का सबसे बड़ा सपना पूरा हुआ। उन्हें पहली अंतरिक्ष उड़ान के लिए चुन लिया गया था।कल्पना चावला का पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवंबर 1997 को शुरू हुआ। उन्होंने 6 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस शटल कोलंबिया STS-87 से उड़ान भरी। अपने पहले मिशन के दौरान कल्पना ने धरती के 252 चक्कर लगाए और अंतरिक्ष में करीब 372 घंटे का वक्त बिताया। 

पूरी दुनिया के लिए झटकाः साल 2000 में कल्पना को दूसरे अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया जो उनकी जिंदगी का आखिरी मिशन साबित हुआ। कई तकनीकि गड़बड़ियों की वजह से इस उड़ान में विलंब होता रहा। अंततः 16 जनवरी 2003 को कल्पना चावला समेत 7 यात्रियों ने कोलंबिया STS-107 से उड़ान भरी। अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद यह क्रू 3 फरवरी 2003 को धरती पर वापस आ रहा था। इसे अमेरिका के टैक्सस में उतरना था लेकिन 16 मिनट पहले यान का संपर्क नासा से टूट गया। कुछ मिनटों बाद इस यान टुकड़े बिखर गए और इसमें सवार भारतीय मूल की कल्पना चावला सहित सातों अंतरिक्ष यात्री मारे गए हैं।

मिशन कमांडर रिक हसबैंड के नेतृत्व में कोलंबिया शटल यान ने उड़ान भरी थी। टीम में एक इसराइली वैज्ञानिक आइलन रैमन भी शामिल थे। रैमन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले इसराइली हैं। इसके अलावा टीम में विलियम मैकोल, लॉरेल क्लार्क, आइलन रैमन, डेविड ब्राउन और माइकल एंडरसन शामिल थे।

Web Title: Kalpana Chawla 15th Death anniversary: Columbia Space shuttle disaster story

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