लाइव न्यूज़ :

#KuchPositiveKarteHain: प्लास्टिक नहीं ज्वार और भारतीय मसालों के बने चम्मच से पर्यावरण को बचाने की पहल

By मेघना वर्मा | Updated: July 27, 2018 07:35 IST

लकड़ी जैसे दिखने वाले इस चम्मच को गुजरात के वड़ोदरा में स्थित Bakeys कंपनी बना रही है।

Open in App

इस 15 अगस्त देश को आजाद हुए पूरे 72 साल हो जाएंगे। तब से अब तक देश ने आजादी के कई रंग देखें हैं फिर चाहे वो राजनीति के हों यो सामाजिक। मगर आज इतने सालों बाद भी चारों ओर सिर्फ नेगेटिव चीजें ही फैली हुई हैं। रेप, लूट-पाट, डकैती, करप्शन, बैंक स्कैम, प्रदूषण जैसी कई ऐसी समस्याएं हैं जो कहीं ना कहीं भारत में अपनी जड़ें फैलाती जा रही हैं। जहां देश में एक ओर इतनी नेगेटिवीटी भरी हैं वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो देश के विकास में अपने छोटे-छोटे प्रयास कर रहे हैं। लोकमत न्यूज सलाम करता है ऐसे लोगों को जो बिना किसी शिकायत के बस देश की सेवा में किसी ना किसी रूप से लगे हुए हैं। LokmatNews.in की ओर से  चल रहे #KuchPossitiveKarteHain में आज कहानी एक ऐसे शख्स की जिसने प्रदूषण की सबसे बड़ी समस्या प्लास्टिक से निपटने का रास्ता खोज निकाला है। इन्होंने प्लास्टिक के चम्मच की जगह एक ऐसे चम्मच को खोज निकाला है जिसे आप चाहें तो खाने के साथ खा भी सकते हैं। 

ज्वार के बने है ये चम्मच

आज के समय में लोग खाने की पारम्परिक आदतों को भूल कर पश्चिमी सभ्यता से खाना खाने लगे है। यही कारण है कि आज लोग हाथ से नहीं बल्कि चम्मच से ज्यादा खाना खाते है। प्लास्टिक के इन्हीं चम्मचों से ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि आपके स्वास्थय को भी भारी नुकसान दे रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गुजरात के क्रुविल पटेल ने ज्वार से चम्मच बनाने की शुरूआत की है। नहीं हैरान मत होईए यह बिल्कुल सच है। खास बात यह है कि यह चम्मच इतने मजबूत हैं कि आप इससे कुछ सॉलीड चीजें भी खा सकते हैं। 

गुजरात में बनते हैं ये ज्वार के चम्मच

लकड़ी जैसे दिखने वाले इस चम्मच को गुजरात के वड़ोदरा में स्थित Bakeys कंपनी बना रही है। इसे बनाने के लिए ज्वार के साथ चीनी, नमक, अजवायन, काली मिर्च और जीरे का इस्तेमाल किया गया है। इस चम्मच को एडिबल कटलरी के नाम से भी जाना जाता है। खास बात यह है कि इस कटलरी के ही कुल 8 फ्लेवर हैं जिसे कई अलग-अलग चीजों से मिलाकर बनाया जाता है।

ज्वार के साथ कली-मिर्च, चीनी से बने इस चम्मच के हैं 8 फ्लेवर

एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में कटलरी बनाने वाले क्रूवली ने बताया कि वो इंजीनियरिंग कॉलेज में थे तब उन्होंने एक बार हैदराबाद से एक ऐसे ही कटलरी मंगवाया था। जिसके बाद उन्हें ज्वार से चम्मच बनाने का आइडिया आया। उन्होंने बताया कि जब इसको बनाने का काम उन्होंने शुरू किया तो कोई भी तकनीक उनके पास नहीं थी। उनका कहना है कि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण और स्वास्थय दोनों के लिए ही सबसे खराब होते हैं मगर फिर भी हम उन्हें इस्तेमाल करते है। इसका कारण यही है कि उसके अलावा हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं हैं। इन फ्लेवर्स में बीटरूट, पालक, चॉकलेट, मसाला, कालीमिर्च, मिंट, अजवाएन और प्लेन का फ्लेवर आता है। 

बेक्ड करके किया जाता है चम्मच को तैयार

ज्वार से तैयार इन चम्मचों को पूरा बनाकर बेक्ड किया जाता है जिससे यह और भी मजबूत हो जाते हैं। जिसे 100 प्रतिशत नेचुरल प्रोडक्टस से बनाने का दावा किया जाता है। आप इससे सूप, सब्जी, दाल, चावल जैसे सभी फूड आइटम्स आराम से खा सकते हैं। सिर्फ यही नहीं अगर आप चाहें तो इस चम्मच को सूखा भी खा सकते हैं। यह ज्वार की रोटी जैसे ही टेस्ट भी करेगा और उसी के गुण भी देगा। 

3 से 6 रूपये है इसका दाम

इन चम्मचों की कीमत 3 से 6 रूपये के बीच की है। जो आपके चम्मच की क्वालिटी और फ्लेवर पर भी निर्भर करती है। यह चम्मच इन तरीकों से बनाए गए हैं कि इन्हें 6 महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। हलांकि यह चम्मच ऐसे साधारण बाजारों में नहीं मिलता मगर आप इन्हें ऑनलाइन आर्डर करके भी मंगवा सकते हैं।  

टॅग्स :कुछ पॉजिटिव करते हैं
Open in App

संबंधित खबरें

भारत#KuchhPositiveKarteHain:मिलिए कोलकाता के इस टैक्सी ड्राइवर से जो हमारे समाज के लिए एक मिसाल हैं

फील गुड#KuchhPositiveKarteHain: अनपढ़ और बेरोजगार महिलाओं के लिए माण देशी बैंक ने खोली नई राह, 2 लाख महिलाओं का सपना हुआ साकार

फील गुड#KuchhPositiveKarteHain: भारत के इस लाल ने बनाया चंद्रयान, बचपन में नहीं होते थे बस की टिकट और किताब खरीदने के पैसे

एथलेटिक्स#KuchPositiveKarteHai: वेटर का काम करने से लेकर ओलंपिक तक का सफर, जिसने रियो में बढ़ाया भारत का गर्व

भारत#KuchhPositiveKarteHain: 12 रुपए की दम पर अपनी किस्मत बदलने वाली देश की पहली महिला ऑटो ड्राइवर शीला दावरे की कहानी

फील गुड अधिक खबरें

फील गुड"किडोक्रेसी-कोख से लेकर कौशल तक की यात्रा!"

फील गुडविदेश में तिरंगे का सम्मान, सरावगी परिवार की प्रेरणादायक कहानी

फील गुडSurendranagar: कौन हैं जीत शाह?, कोविड लॉकडाउन में ऐसे किया कारनामा

फील गुडराजस्थानः कौन हैं मेघा जैन?, सोशल मीडिया में छा गईं...

फील गुडडिजिटल मार्केटिंग के जरिए अपना बिजनेस बढ़ाया, जानें कौन हैं धुरधंर