भूमि अधिग्रहण की वजह से अटका है वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलमार्ग, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी ताजा स्थिति की जानकारी

By हरीश गुप्ता | Published: March 11, 2021 08:20 AM2021-03-11T08:20:20+5:302021-03-11T08:20:20+5:30

वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलमार्ग की लागत करीब 3168 करोड़ रुपये है। ये 284 किमी लंबी परियोजना है और इसे 2008-09 में ही पूरा किया जाना था। हालांकि, ऐसा नहीं हो सका।

Wardha Yavatmal Nanded rail road project is stuck due to land acquisition | भूमि अधिग्रहण की वजह से अटका है वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलमार्ग, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी ताजा स्थिति की जानकारी

वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलमार्ग प्रोजेक्ट में अभी और देरी! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlights वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलमार्ग का काम अटका हुआ है, अब तक 1362 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं284 किमी लंबी इस परियोजना को 2008-09 में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से साझा तौर पर पूरा करना थाराज्य सरकार अब तक 1500 एकड़ भूमि उपलब्ध करा चुकी है, परियोजना पूरी होने में अभी और समय लगने की आशंका

नई दिल्ली: 3168 करोड़ रुपए की लागत वाले वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलमार्ग का काम महाराष्ट्र सरकार की ओर से भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं किए जाने की वजह से अटका हुआ है. परियोजना के लिए जितनी भूमि चाहिए, उसमें से शेष 356.18 हेक्टेयर राजस्व भूमि तथा परिवर्तित किया गया वनभूमि का 100.59 हेक्टेयर क्षेत्र का अधिग्रहण सरकार नहीं कर पाई है.

284 किमी लंबी इस परियोजना को वर्ष 2008-09 में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा साझा तौर पर पूरा किया जाना तय किया गया था. अब तक परियोजना पर 1362 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. वर्ष 2020-21 के लिए राज्य सरकार के हिस्से की राशि मिलाकर 450 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं.

राज्य सरकार ने अब तक 1500 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी है. शेष भूमि को उपलब्ध कराया जाना बाकी है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में इस संबंध में जानकारी दी.

रेल मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार परियोजना की वर्तमान स्थिति

- वर्धा-यवतमाल रेलखंड की लंबाई 78 किमी है. एजेंसियों का चयन हो गया है तथा उपलब्ध कराई गई भूमि पर कार्य प्रारंभ कर दिया है.

- यवतमाल-नांदेड़ रेलखंड की लंबाई 206 किमी है. इस रेलखंड पर यवतमाल से लेकर दिग्रस तक 79 किमी के लिए एजेंसियों का चयन हो गया है. शेष 127 किमी लंबे मार्ग के लिए वन विभाग की अनुमति तथा राजस्व भूमि का संपूर्ण कब्जा दिए जाने के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

वर्धा-नांदेड़ के बीच चार आरओबी/ आरयूबी की स्थिति

रेल मंत्री ने बताया कि वर्धा-नांदेड़ के बीच राष्ट्रीय महामार्ग पर जो चार आरओबी/आरयूबी का निर्माण प्रस्तावित है, उनकी जानकारी इस प्रकार है :

1. वर्धा-यवतमाल के बीच राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 361 पर पहला आरओबी चेनिज (हाईवे पर दूरी मापने के लिए निर्धारित की गई काल्पनिक रेखा) 12,221 मीटर पर.

2. वर्धा-यवतमाल के बीच राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 361 पर दूसरा आरओबी चेनिज 76540 मीटर पर.

3. राष्ट्रीय महामार्ग 222 पर यवतमाल-नांदेड़ के बीच बरसगांव के पास पहला आरयूबी.

4. राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 361 पर यवतमाल-नांदेड़ के बीच मंठा गांव के निकट दूसरा आरयूबी. 

वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेल परियोजना विजय दर्डा की संकल्पना

विदर्भ के कपास उत्पादक क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होने वाली वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेल परियोजना की मूल संकल्पना लोकमत पत्र समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन तथा पूर्व सांसद विजय दर्डा की है.

उन्होंने सांसद के रूप में इस परियोजना को मूर्त रूप दिलवाने का सतत प्रयास किया. उन्हीं के प्रयासों से इस रेल मार्ग का भूमिपूजन हुआ और बजट में हर वर्ष निधि का प्रावधान होता रहा. दर्डा आज भी इस रेल मार्ग को जल्द से जल्द पूरा करवाने के लिए प्रयासरत हैं.

Web Title: Wardha Yavatmal Nanded rail road project is stuck due to land acquisition

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