महाराष्ट्र: वंचित बहुजन आघाडी पार्टी ने मोदी सरकार से पूछा सवाल- PoK क्या पाकिस्तान को दान में दिया?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 10, 2019 09:49 AM2019-08-10T09:49:04+5:302019-08-10T09:49:04+5:30
पत्र परिषद में विधायक बलीराम सिरस्कर, आघाड़ी विदर्भ प्रमुख राजेंद्र महाढोले, पूर्व राज्यमंत्री रमेश गजभिये, प्रदेश महासचिव सागर डबरासे, राजू लोखंडे, शहर अध्यक्ष रवि शेंडे उपस्थित थे. एड. आंबेडकर ने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर और पीओके सीमा पर एक नियंत्रण रेखा है, जिसे शिमला करार और अन्य करारों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा मान्य नहीं किया गया था.
जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लिए भी विधानसभा में सीटें आरक्षित रखी गई थीं. इसके चलते उनका भारत से संबंध था. इसी आधार पर भारत पीओके पर अपना दावा करता आया है. लेकिन जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को खारिज कर सरकार ने भारत से पीओके का संबंध तोड़ दिया है.
इतना महत्वपूर्ण निर्णय सरकार ने विचारपूर्वक नहीं लिया है. इस फैसले ने पाक अधिकृत कश्मीर से भारत का लिंक तोड़ने का काम हुआ है. यह आरोप भारिप बहुजन महासंघ व वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता एड. प्रकाश आंबेडकर ने शुक्रवार को रवि भवन में आयोजित पत्र परिषद में लगाया. एड. आंबेडकर ने कहा कि पीओके के लिए 2 लाख से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए है.
उस पर दावा छोड़कर क्या पीओके पाकिस्तान को दान में दिया है? उन्होंने कहा कि इसका खुलासा सरकार, भाजपा और आरएसएस को करना चाहिए. इस मामले को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता वाले बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है इसीलिए अमेरिका के इशारे पर ही जम्मू-कश्मीर का विभाजन किए जाने का आरोप एड. आंबेडकर ने लगाया.
पत्र परिषद में विधायक बलीराम सिरस्कर, आघाड़ी विदर्भ प्रमुख राजेंद्र महाढोले, पूर्व राज्यमंत्री रमेश गजभिये, प्रदेश महासचिव सागर डबरासे, राजू लोखंडे, शहर अध्यक्ष रवि शेंडे उपस्थित थे. एड. आंबेडकर ने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर और पीओके सीमा पर एक नियंत्रण रेखा है, जिसे शिमला करार और अन्य करारों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा मान्य नहीं किया गया था. लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद जो लाइन ऑफ कंट्रोल है, क्या उसे ही अब इंटरनेशनल लाइन ऑफ कंट्रोल मान लिया जाए, यह सवाल भी उपस्थित हो रहे हैं.