महाराष्ट्र की कांग्रेस इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने बुधवार को कहा कि अगली सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच विभागों के बंटवारे के बारे में अगले कुछ दिनों में फैसला किया जाएगा। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि मेरी निजी राय है कि भाजपा को अजीत दादा पवार का समर्थन नहीं करना चाहिए था। वह बड़े पैमाने पर सिंचाई घोटाले का आरोपी है और कई आरोपों का सामना कर रहा है, इसलिए हमें उसके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए।
मंगलवार को महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार के गिरने के बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने कुछ छोटे दलों और निर्देलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार गठन का दावा पेश करने का फैसला किया था। सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता थोराट ने महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘विभागों के बंटवारे के बारे में अगले दो दिन में निर्णय लेंगे। किसी दल को कितने मंत्री पद और कितने राज्यमंत्री पद देने हैं इस पर भी अगले दो दिन में फैसला कर लेंगे।’’
राकांपा ने घोषणा की है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वह गुरुवार को शपथ लेंगे। उद्धव अभी राज्य विधानसभा के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। थोराट से पूछा गया कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या पार्टी के नेता राहुल गांधी ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में आएंगे, इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कुछ तय नहीं है। अटकलें हैं कि थोराट को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इस बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी किसी संभावना के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं इस बारे में टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।’’
जानकारी के लिए आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को सुबह आरंभ होने पर सभी की नजरें राकांपा नेता अजित पवार पवार पर टिकी हुई थीं जिन्होंने पार्टी से विद्रोह कर सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देकर हैरान कर दिया था लेकिन मंगलवार को उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया था। एक सवाल के जवाब में अजित पवार ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि मैं एनसीपी के साथ हूं। क्या उन्होंने मुझे निकाल दिया? क्या आपने आज ऐसा कहीं सुना या पढ़ा? मैं अभी भी एनसीपी के साथ हूं।
इसके बाद पार्टी में अजित पवार के भविष्य को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही थी। इसी बीच एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा,"अजीत पवार ने अपनी गलती स्वीकार की है। यह पारिवारिक मामला है और पवार साहब ने उन्हें माफ कर दिया है। वह पार्टी के सदस्य हैं और पार्टी में उनकी स्थिति नहीं बदली है।"
इसके अलावा बता दें कि अजित पवार ने जैसे ही बुधवार को सुबह विधान भवन के परिसर में प्रवेश किया तो उनकी चचेरी बहन और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने उन्हें गले लगाया। राकांपा प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अपनी पार्टी के विधायकों का स्वागत करने के लिए विधान भवन के प्रवेश द्वार पर खड़ी थीं। विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, “मैं राकांपा में था और अब भी हूं। मैनें पार्टी कभी नहीं छोड़ी।” देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को समर्थन देने के लिए अजित पवार के शनिवार को अपनी पार्टी से बगावत करने के बाद भावुक दिखी उनकी चचेरी बहन सुले ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में लिखा था कि पवार परिवार और पार्टी बंट गयी है।
उन्होंने अपने स्टेटस में लिखा था, “आप जीवन में किस पर भरोसा करोगे। इतना ठगा हुआ कभी महसूस नहीं हुआ। उनका बचाव किया, उन्हें प्यार दिया। देखो बदले में क्या मिला मुझे।” महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। पुणे की बारामती सीट से 1.65 लाख मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीतने वाले राकांपा विधायक ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद फडणवीस ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।