Nationalist Congress Party: महाराष्ट्र में राजनीति हलचल तेज है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बड़ी कार्रवाई की है। पवार ने सांसद सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से निकालने की घोषणा की। मेरे पास पहले विधायकों के जाने के 2-3 पुराने अनुभव हैं, आगे नतीजे अच्छे होंगे।
पवार ने सोमवार को इन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनके भतीजे अजित पवार के विद्रोह को उनका आशीर्वाद प्राप्त है। दिल्ली में राष्ट्रवादी छात्र कांग्रेस कार्यालय से एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल का फोटो फ्रेम हटाया गया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने सोमवार को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया। दोनों ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बगावत में साथ दिया था। पवार ने यह कदम अजित पवार के एकनाथ शिंदे- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री शामिल होने के बाद उठाया है।
अजित पवार के साथ आठ अन्य विधायकों ने भी रविवार को मंत्री पद की शपथ ली थी, जिनमें तटकरे की बेटी अदिति भी शामिल है। शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी विरोधियों गतिविधियों की वजह से सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को राकांपा पार्टी सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं।’’ उन्होंने साथ ही राज्यसभा सदस्य पटेल को भी टैग किया जिन्हें पिछले महीने ही राकांपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। पवार ने तटकरे को भी अपने ट्वीट में टैग किया है।
इस बीच प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मैंने महाराष्ट्र( प्रदेश अध्यक्ष) कि ज़िम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया है। शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल का नाम NCP पार्टी के सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश दिया।
शरद पवार ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं की हरकतों की परवाह किये बिना राकांपा को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं के विश्वास को बढ़ाने के लिए राज्यव्यापी यात्रा शुरू की है। अजित पवार ने रविवार को राकांपा से बगावत कर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
उनके साथ आठ अन्य राकांपा नेताओं ने भी एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। यह पूछे जाने पर कि रविवार को अजित पवार द्वारा किए गए विद्रोह को क्या उनका आशीर्वाद प्राप्त था, तो राकांपा प्रमुख ने कहा, “यह कहना तुच्छ बात है। केवल तुच्छ और अल्पबुद्धि वाले ही ऐसा कह सकते हैं।” शरद पवार ने कहा, “मैं राज्य के दौरे पर निकला हूं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करूंगा। कुछ नेताओं ने जो किया है, उससे उन्हें निराश नहीं होना चाहिए।'’