महाराष्ट्र में सरपंचों का चयन ग्राम पंचायत के सदस्यों में से किए जाने के प्रावधान वाला विधेयक मंगलवार (25 फ़रवरी) को मंजूर किया गया. इसलिए पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार की सीधे जनता से सरपंच के चयन किए जाने की प्रक्रिया अब रद्द कर दी गई है.
राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले महीने इस आशय का निर्णय लेकर अध्यादेश जारी करने के लिए राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा था. इस पर राज्यपाल ने कहा था कि विधानमंडल का सत्र में विधेयक पेश कर इसे मंजूर कराया जाए. इसके अनुसार राज्य सरकार ने आज दोनों सदनों में विधेयक पेश किया और विपक्ष के हंगामे के बीच यह मंजूर भी हो गया.
ग्राम पंचायत सदस्यों में से चुने गए सरपंच पर दो वर्ष तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा. साथ ही ग्राम पंचायत की समयावधि समाप्त होने के छह महीने पहले भी अविश्वास प्रस्ताव मान्य नहीं होगा. विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस निर्णय की आलोचना की. उन्होंने कहा कि हमने सरपंचों को विश्वास में लेकर इस प्रक्रिया का निर्णय किया था.
ग्राम विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने संवाददताओं से बातचीत में इस निर्णय का समर्थन किया. मुश्रीफ ने कहा कि संदस्यों में से सरपंच चुने जाने से ग्राम पंचायत अधिक कारगर रूप से काम करेगी. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक 29 मार्च को 1570 ग्राम पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं लेकिन, वहां सीधे सरपंच चुनाव नहीं होंगे. भले ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है, लेकिन उसमें बदलाव किए जा सकते हैं.