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महाराष्ट्र: पंचगंगा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर, 23 गांव से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया

By भाषा | Updated: August 7, 2020 12:01 IST

महाराष्ट्र: बाढ़ के खतरे को देखते हुए गढ़िंगलास, गगनबावड़ा, करवीर, पन्हाला, अजारा तहसील और कोल्हापुर शहर के 23 गांवों से 1,750 परिवारों के 4,413 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपरबारिश और राधानगरी बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पंचगंगा में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है

कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर है लेकिन बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पानी का स्तर धीर-धीरे बढ़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार राजाराम बराज पर पंचगंगा का जलस्तर शुक्रवार सुबह सात बजे खतरे के निशान से ऊपर, 44.7 फुट के स्तर पर था।

जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के ड्यूटी अधिकारी ने कहा, ‘‘ बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे जलस्तर खतरे के निशान (43 फुट) पर पहुंच गया था। तब से राजाराम बराज पर पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है।’’ उन्होंने बताया कि जिले में लगातार हो रही बारिश अब थम गयी है लेकिन रुक-रुक कर बारिश अब भी हो रही है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘राधानगरी बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पंचगंगा में पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जो उसके जलग्रहण-क्षेत्रों में बारिश की वजह से पूरा भरा है।’’ उन्होंने बताया कि कोल्हापुर जिले में अभी भोगावती नदी पर बने बांध के चार द्वार पानी निकालने के लिए खोल दिए गए हैं। पंचगंगा में बृहस्पतिवार को पानी का स्तर बढ़ने की वजह से जिला प्रशासन ने 23 गांवों से करीब 1,750 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।

जिला कलेक्टर दौलत देसाई ने कहा, ‘‘ अभी तक गढ़िंगलास, पन्हाला, करवीर, गगनबावड़ा, अजारा तहसील और कोल्हापुर शहर के 23 गांवों से 1,750 परिवारों के 4,413 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।’’ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चार टीमों को कोल्हापुर जिले में तैनात किया है।

सांगली जिला प्रशासन ने कहा कि उसने उन 20 गांवों में सुरक्षा किट बांटी है, जहां बाढ़ आने की आशंका अधिक है। इन किट में लाइफ जैकेट, रस्सी, टॉर्च और बैग आदि हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र में पिछले साल भी खासकर कोल्हापुर और सांगली जिलों में मूसलाधार बारिश से काफी नुकसान हुआ था जिससे 60 से अधिक लोगों की जान गई थी।

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