नौकरशाही की लेटलतीफी और लापरवाही के चलते उद्धव ठाकरे की सरकार को झटका, उपमुख्यमंत्री को मांगनी पड़ी माफी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 3, 2020 08:57 AM2020-03-03T08:57:11+5:302020-03-03T09:17:44+5:30

Maharashtra: प्रश्नोत्तरकाल खत्म होने के बाद शून्यकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पटोले ने बताया कि पिछले अधिवेशन में उठाए गए 83 औचित्य के मुद्दों में से राज्य प्रशासन की ओर से सिर्फ चार का जवाब दिया गया. इसके चलते पटोले ने भारी नाराजगी और गुस्सा जाहिर की।

Maharashtra: Nana patole got angry over bureaucratic lethargy and carelessness, government apologize | नौकरशाही की लेटलतीफी और लापरवाही के चलते उद्धव ठाकरे की सरकार को झटका, उपमुख्यमंत्री को मांगनी पड़ी माफी

अजीत पवार (फाइल फोटो)

Highlightsसरकारें बदल जाती हैं, लेकिन नौकरशाही अपना चलन नहीं बदलती. नौकरशाही की लेटलतीफी और लापरवाही का झटका सोमवार (03 मार्च) मौजूदा महाविकास आघाड़ी की सरकार को लगा.

सरकारें बदल जाती हैं, लेकिन नौकरशाही अपना चलन नहीं बदलती. इसी नौकरशाही की लेटलतीफी और लापरवाही का झटका सोमवार (03 मार्च) मौजूदा महाविकास आघाड़ी की सरकार को लगा. इसके चलते खुद उपमुख्यमंत्री अजित पवार को विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले के समक्ष माफी मांगनी पड़ी.

हुआ यूं कि प्रश्नोत्तरकाल खत्म होने के बाद शून्यकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पटोले ने बताया कि पिछले अधिवेशन में उठाए गए 83 औचित्य के मुद्दों में से राज्य प्रशासन की ओर से सिर्फ चार का जवाब दिया गया. इसके चलते पटोले ने भारी नाराजगी और गुस्सा जाहिर करते हुए इसके लिए मुख्य सचिव अजय मेहता के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी करते हुए उन्हें जिम्मेदार करार दिया और आदेश दिया कि उन्हें (मेहता को) सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए. इस पर सदन में सन्नाटा छा गया.

अध्यक्ष के गुस्से को शांत को करने के लिए उपमुख्यमंत्री पवार ने स्थिति को संभालने की कोशिश की. राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात और विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने भी पटोले को समझाने का प्रयास किया. पवार ने समूचे मामले पर खेद व्यक्त करते हुए अध्यक्ष को आश्वस्त कराया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा.

उन्होंने अध्यक्ष से निवेदन किया कि वह अपने आदेश पर पुनर्विचार करे. जो कुछ हुआ है, उस बारे में राज्य सरकार ध्यान देगी और बैठक आयोजित करेगी. अपने आदेश पर फिर से विचार करे. फड़नवीस ने भी कहा कि खुद उपमुख्यमंत्री ने माफी मांगी है, तो मेहता को बुलाकर समझाइश दी जा सकती है और इसके बावजूद भविष्य में ऐसा होता है, तो उन्हें सजा दी जा सकती है.

थोरात ने भी अध्यक्ष से गुहार लगाई कि वह अपना आदेश वापस ले. सदन की गरिमा का पालन नहीं होगा तो कठोर भूमिका लेंगे: पटोले ने अपनी नाराजगी कम करते हुए कहा कि यदि सदन की गरिमा का पालन नहीं किया जाएगा तो वे कठोर भूमिका अपनाएंगे.

उन्होंने कहा कि ड्यूटी ऑफिसर (अमलदार) भी विधायकों का सम्मान नहीं करते हैं. यदि विधायकों की शिकायतें मिलीं तो इसके लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार माना जाएगा. जब तक वह इस कुर्सी पर हैं, सदस्यों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Web Title: Maharashtra: Nana patole got angry over bureaucratic lethargy and carelessness, government apologize

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