मुंबई। अपनी तरह के पहले मामले में महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले की मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमिटी (एमसीएमसी) ने 12 प्राइवेट वॉट्सऐप ग्रुपों के एडमिन को चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के सिलिसले में नोटिस भेजा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन मेसेज के लिए नोटिस भेजा गया वह इन लोगों ने नहीं भेजे थे केवल उनके ग्रुप में पोस्ट किए गए थे। एमसीएमसी के इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे।
इसका मतलब है कि जिस दौरान चुनावी आचार संहिता लागू है उस समय अगर किसी प्राइवेट वॉट्सऐप ग्रुप में कोई ऐसा मेसेज पोस्ट होता है जो किसी उम्मीदवार को वोट देने या न देने के लिए प्रेरित करता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
अगर कोई उसका स्क्रीन शॉट लेकर चुनाव आयोग के ऐप सी विजिल पर भेजता है तो आयोग आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उस ग्रुप के ऐडमिन को जिम्मेदार मानेगा। फेसबुक और ट्विटर पर भी नियम लागू यह नियम केवल वॉट्सऐप ग्रुप के लिए ही नहीं है बल्कि फेसबुक और ट्विटर पर भी लागू होगा।
उम्मीदवार बिना अनुमति नहीं कर सकते सोशल मीडिया में प्रचार
दो साल पहले अमेरिका में हुए कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद चुनावी मैदान में सोशल मीडिया का रोल बहुत अहम हो गया है। भारत में भी इसके महत्व को महसूस किया जा सकता है।
अब तक 1200 शिकायतें
सी विजिल ऐप पर नांदेड़ एमसीएमसी के प्रमुख राजेंद्र चव्हाण का कहना है, ''उम्मीदवार को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ती है कि वह प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के किस माध्यम से अपना प्रचार करना चाहता है। अगर बिना अनुमति के कोई उस माध्यम पर प्रचार करता है तो उसके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बनता है। इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह मेसेज किस पार्टी या उम्मीदवार के खिलाफ है। महाराष्ट्र में जब से आदर्श आचार संहिता लगी है तब से 1200 शिकायतें सीविजिल ऐप पर आ चुकी हैं।
उम्मीदवारों की उम्मीदवारी भी खतरे में हो सकती है
फिलहाल नांदेड़ में भेजे गए इन नोटिसों में इन 12 वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन से कहा गया है कि वे अपने ग्रुपों पर सभी तरह का चुनाव प्रचार बंद कर दें और एक सप्ताह के अंदर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी इन लोगों को दंडित करने को कोई विचार नहीं है केवल कड़ी चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा। लेकिन इन्होंने दोबारा उल्लंघन किया तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जा सकता है।
साथ ही अगर ऐसा पाया गया कि किसी उम्मीदवार को अपने बारे में सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे प्रचार की जानकारी थी तो उसकी उम्मीदवारी भी जा सकती है और उसे अगले चार वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है। 4 फेसबुक पेज को भी नोटिस मुंबई शहर के जिलाधिकारी शिवाजी जोनढाले ने बताया कि फेसबुक पेजों पर निगाह रखी जा रही है।
कांग्रेस, एमएनएस और शिवसेना से जुड़े चार फेसबुक पेजों को बिना अनुमति प्रचार करने के लिए नोटिस भेजा गया है।